Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 431
________________ ઉત્તરન્ઝયણાણિ ८६० પરિશિષ્ટ ૧: પદાનુક્રમ गयमाइ सीहमाइणो 38-१८० गिहिलिगे तहेव य 38-४५ गयासं भग्गगत्तेहि १८-११ गुणवंताण ताइणं २३-१० घणगुंजा सुद्धवाया य 38-११८ गरहं नाभिगच्छई १-४२ गुणाणं तु महाभरो १८-३५ घणो य तह होइ वग्गो य 30-१० गरहणयाए णं भंते ! जीवे कि.... २८ २०८ गुणाणं तु सहस्साई १४-२४ घयसित्त व्व पावए 3-१२ गरुया लहया तहा 3६-१८ गुणाणमासओ दव्वं २८-६ घरेसु वा एगमित्तियं खेतं 3०-१८ गलिगद्दहे चइत्ताणं २७-१७ गुणाहियं वा गुणओ समंवा उ२-५ घाणस्स गंधं गहणं वयंति 3२-४८, ४८ गलियस्सं व वाहए १-39 गुणुत्तरधरो मुणी १२-१ धाणिदियनिग्गहेणं भंते ! जीवे.... २८ सू०६५ गलेहिं मगरजालेहि १८-६४ गुत्ती नियत्तणे वुत्ता २४-२६ घिसु वा परियावेणं २-८, ६ गवलरिटुग सन्निभा 3४-४ गुत्तीहि गुत्तस्स जिइंदियस्स १२-१७ घोरं घोरपरक्कमा १.४-५० गवासं मणिकुंडलं ६-५ गुरुओ लोहभारो व्व १८-34 घोरव्वओ घोरपरक्कमो य १२-२३, २७ गवेसणाए गहणे य २४-११ गुरुं वंदित्तु सज्झायं २६-२१ घोराओ अइदुस्सहा १४-७२ गहा तारागणा तहा 3६-२०८ गुरुपरिभावए निच्चं १७-१० घोरा मुहुत्ता अबलं सरीरं गहिओ लग्गो वद्धो य १४-६५ गुरुभत्तिभावसुस्सूसा 30-3२ घोरासमं चइत्ताणं ८-४२ गाढा य विवाग कम्मुणो १०-४ गुरुसाहम्मियसुस्सूसयणाए णं भंते! २८ घोरे संसारसागरे २५-3८ गाणंगणिए दुब्भूए १७-१७ સૂ૦ ૫ गामगए नगरे व संजए १०-३६ गुरूणमणुववायकारए १-3 चइऊण गेहं वइदेही ८-६१ गामाणुगामं रीयंत २-१४ गुरूणमुववायकारए १-२ {चइऊण गेहं वइदेही} १८-४४ गामाणुगाम रीयंते २3-3, 9; २५-२ गूढा सज्झायतवसा २५-८ चइऊण देवलोगाओ ८-१ गामे अणियओ चरे ६-१६ गेण्हणा अवि दुक्करं १८-२.७ चइऊण बालभावं ७-30 गामे नगरे तह रायहाणि 3०-१६ गेद्धी पओसे य सढे उ४-२3 चइऊणमासणं धीरो १-२१ गामे वा नगरे वावि २-१८ गेविज्जाऽणुत्तरा चेव 3६-२.१२ चइत्ता उत्तमे भोए १८-४१ गायं नो परिसिंचेज्जा २-८ गेविज्जा णवविहा तहिं उ६-२.१२ चइत्ताणं इमं देहं १५-१६ गारत्था संजमुत्तरा ५-२० गोच्छगलइयंगुलिओ २६-२३ चइताणं मुणी चरे १८-४४ गारत्थेहि य सव्वेहि ५-२० गोजिब्भाए व सागपत्ताणं उ४-१८ चइता भारहं वासं १८-३६, ३८, ४१ गारवेसु कसाएसु १८-८१ गोपुट्टालगाणि च ८-१८ चइत्ता विउलं रज्जं १४-४८ गाहग्गहीए महिसे वस्त्रे 3२-७६ गोमुत्तिपयंगवीहिया चेव उ०-१८ चइत्तु देहं मलपंकपुवयं १-४८ गाहाणुगीया नरसंघमज्झे १३-१२ गोमेज्जए य रुयगे 38-७५ चइत्तु भोगाइ असासयाई १३-२० गाहा य मगरा तहा 3६-१७२. गोयं कुम्मं दुविहं 33-१४ चउकारणपरिसुद्ध २४-४ गाहासोलसएहि 3१-१३ गोयमं इणमव्ववी २३-२२ चउक्कतियचच्चरे १८-४ गिज्झ वारि जलुत्तम २३-५१ गोयमं तु महायसं २ 3-८६ चउक्कारणसंजुत्तं २८-१ गिण्हंतो निक्खवंतो य २४-१३ गोयमं दिस्समागयं २३-१६ चउण्हं पि उ जत्तिओ भवे कालो 3०-२० गिद्धोवमे उ नच्चाणं १४-४७ गोयमस्स निसेज्जाए २३-१७ चउत्थम्मि जहनेणं 38-२६७ गिद्धो सि आरंभपरिग्गहेसु १३-33 गोयमे पडिरूवन्नू २३-१५ चउत्थी असच्चमोसा २४-२०, २२ गिरि रेवययं जंती २२-33 गोयमे य महायसे २3-6, १८ चउत्थी जहन्नेणं 38-१६३ गिरि नहेहि खणह १२-२६ गोयमो इणमब्बवी २३-२१, २५, ३१, चउत्थीए पोरिसीए २६-38 गिलाणो परितप्पई ૫-૧૧ 3७, ४२, ४७, ५२, चउत्थी पडिपुच्छणा गिहंसिनरई लभे ૧૪-૨૧ ५७,६२,६७,७२, चउत्थी भुज्जो वि सज्झायं २६-१८ गिहकम्मसमारंभे 34-८ ७७, ८२ चउदसरयणाहिवई ૧૧-૨૨ गिहत्थाणं अणेगाओ २३-१८ गोयमो कालगच्छवी २२-५ चउद्दस सागराई 3६-२२७ गिहवासं परिच्चज्ज उप-२ गोयरग्गपविट्ठस्स चउद्दस सागरोवमा 35-२२८ गिहवासे वि सुब्बए ५-२४ गोलया मट्टियामया २५-४० चउप्पया चउब्विहा 38-१७८ गिहिणो ज पव्वइएण दिट्ठा १५-१० गोवालो भंडवालो वा २२-४५ चउप्पया य परिसप्पा 3६-१७८ गिहिनिसेज्जं च वाहेइ १७-१८ गोहाई अहिमाई वा उ8-१८१ चउभागूणाए वा 3०-२१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org|

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