Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
ઉત્તરાયણાણિ
८७६
પરિશિષ્ટ ૧:પદાનુક્રમ
पायच्छित्तं विणओ 30-30 पियं न विज्जई किंचि -१५ पुत्तं दारं च नायओ
१८-८७ पायच्छित्तकरणेणं भंते ! जीवे....२८ स.१७ पियधम्मे दढधम्मे
उ४-२८ पुत्तं रज्जे ठवित्ताणं
१८-३७, ४६ पायत्ताणीए महया
१८-२ पियपुत्तगा दोन्नि वि माहणस्स १४-५. पुतदारं च बंधवा पारियकाउस्सग्गो २६-४०, ४२४८, ५१ पियमप्पियं सव्व तितिक्खएज्जा २१-१५ पुत्तसोगदुहट्टिया
૨૦-૨૫ पारेवयगीवनिभा 3४-६ पियरं परमक्खिया १८-१५ पुत्ते पडिठप्प गिहंसि जाया !
१४-८ पावं पुरा कम्ममकासि मोहा १४-२० पियरो वि तहा पुत्ते १८-१५ पुत्ते रज्जे ठवित्ताणं
१८-४६ पावकम्मनिरासवे 3०-६ पिया आणेइ रूविणिं २१-७ पुत्तो मे भाय नाइ त्ति
१-36 पावकम्मपवत्तणे 3१-3 पिया मे सव्वसारं पि २०-२४ पुमत्तमागम्म कुमार दो वी
१४-3 पावकम्मेहिं पाविओ १४-५७ पिसायभूय जक्खा य 3६-२०७ पुरं अंतेउरं च मे
२०-१४ पावकम्मो अणंतसो १८-५3 पिहुंडं नगरमागए
२.१-२ पुराणपुरभेयणी
૨૦-૧૮ पावगं परिवज्जए १-१२ पिहुंडे ववहरंतस्स २१-3 पुरिमस्स पच्छिमंगी
२3-८७ पावदिट्ठित्ति मन्नई १-3८ पीणिए विउले देहे
-२ पुरिमा उज्जुजडा उ
२३-२६ पावदिट्ठि उ अप्पाणं १-36 पीलिओ मि सकम्मेहिं १८-43 पुरिमाणं दुव्विसोझो उ
२३-२७ पावदिट्ठि विहन्नई २-२.२ पीलेइ अत्तटुंगुरू किलिटे 3२-२७,४०, पुरिसेसु य अट्ठसयं
38-५१ पावसमणि त्ति वुच्चई १७-3 थी १८ 43, 63, ७८, ८२ पुरीए तत्थ माहणे
२५-४ पावसुयपसंगेसु 3१-१८ पुग्गलाणं तु लक्खणं २८-१२ पुरे पुराणे उसुयारनामे
१४-१ पावाइ कम्माइ पुणेल्लयामो? १२-१४ पुग्गला समुदाहिया उ-२० पुरोहिओ तस्स जसा य पत्ती
१४-3 पावेसु तं दमीसरा! २२-२५ पुच्छई तं महामुणि २५-१3 पुरोहियं तं कमसोणुणंतं
१४-११ पासइ समण संजयं १८-५ पुच्छ भंते ! जहिच्छं ते २ 3-२२ पुरोहियं तं ससुयं सदारं
१४-39 पासंडा कोउगा मिगा २ 3-१८ पुच्छमाणस्स सीसस्स १-२३ पुलए सोगंधिए य बोद्धब्बे
38-96 पासजाईपहे बहू ६-२ पुच्छामि ते महाभाग ! २३-२१ पुव्वं ता वत्थमेव पडिलेहे
२६-२४ पासबद्धा सरीरिणो २३-४० पुच्छिऊण मए तुब्भं २०-५७ पुव्वं विसुद्धसमद्धम्मे
3-१८ पासमाणो न लिप्पई ताई ८-४ पुच्छिज्जा पंजलिउडो १-२२ पुवकम्मखयट्ठाए
६-१३ पासवणुच्चारभूमि च २६-3८ पुच्छेज्जा पंजलिउडो २६-८ पुव्वकोडीपुहत्तं तु
38-१७६ पासाए कारइत्ताणं
८-२४ पुज्जा जस्स पसीयंति १-४६ पुवकोडीपुहत्तेणं 3६-१८५, १८२, २०१ पासाए कीलए रम्मे २१-७ पुट्ठो केणइ कण्हुई २-४०, ४६ पुव्वाई वासाई चरप्पमत्तो
४-८ पासाएसु गिहेसु य ४-७. पुट्ठो तत्थहियासए २-३२ पुव्वा वाससया बहू
3-१५ पासाओ विन फिट्टई २०-३० पुट्ठो य दंसमसएहिं
२-१० पुचि च अणागयं च
૧૨-૩૨ पासा य इइ के वुत्ता? २. 3-४२ पुट्ठो वा नालियं वए १-१४ पुचि भावणभाविया
૧૪-પર पासायलोयणट्ठिओ १८-४ पुढविक्कायमइगओ १०-५ पुन्विल्लंमि चउब्भाए
२६-८, २१ पासायलोयणे ठिओ २१-८ पुढवीआउक्काए
२६-30 पुहुत्तेण अणाईया
38-६५ पासित्ता से महापन्ने
२२-१५ पुढवी आउजीवा य 3६-६८ पूइदेहनिरोहेणं पासित्तु भद्दा इणमाहु भुज्जो १२-२५ पुढवीकट्टनिस्सिया उप-११ पेच्चत्थं नावबुज्झसे
१८-१३ पासेण य महाजसा २३-२८ पुढवी छत्तसंठिया उ६-५७ पेच्चा होहिसि उत्तमो
-५८ पासेण य महामुणी २३-१२, २३ पुढवीजीवाण अन्तरं 3६-८२ पेज्जदोसमिच्छादसणविजएणं भंते ! पासे समियदसणे -४ पुढवी य सक्करा वालुया य 36-3
૨૯ સૂ૭૨ पासेहिं कूडजालेहि १४-६३ पुढवी साली जवा चेव ८-४८ पेडा य अद्धपेडा
3०-१८ पिउणा सयं कोसलिएण रना १२-२२ पुढवीसु सत्तसू भवे 38-१५६ पेसिया पलिउंचंति
૨૭-૧૩ पिंडवायं गवेसए ६-१६ पुढो विस्संभिया पया 3-२ पोएण ववहरते
૨૧-૨ पिंडवायं चरे मुणी उ५-१६ पुणो चउत्थीए सज्झायं २६-१२ पोरिसीए चउत्थीए
२१-४४ पिंडोग्गहपडिमासु
3१-८ पुणो पुणो वंदई सक्को ४-५८ पोरिसीए चउम्भाए २६-२२, 3७,४५ पिडोलए व दुस्सीले
५-२२ पुण्णं पावासवो तहा २.८-१४ पोल्ले व मुट्ठी जह से असारे २०-४२ पियंकरे पियंवाई ११-१४ पुत्तं ठवेत्तु रज्जे -२ पोसहं दुहओ पक्खं
५-२३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532