Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsur Gyanmandir दब्भवगुराकूडछेलिहत्था (दीविया पा०) हरिएसा साउणिया य वीदसंगपासहत्था वणचरगा लुद्धयमघातपोतघाया एणीयारा पएणियारा सरदहदीहिअतलागपल्ललपरिगालणमलणसोत्तबंधणसलिलासपसोसगाविसगरस्सयदायगा उत्तणवलरदवग्गिणियपलीवका कूरकम्मकारी इमेयबहवेमिलक्खुजाती, केते?, सकजवणसवरबब्बरगायमुरुंडोदभडगतित्तियपणियकुलक्खगोडसीहलपारसकोंचंधदविलबिल्ललपुलिंदअरोसडोंबपोकणगंधहारगबहलीयजल्लरोममासबउसमल्या चुंचुया य चूलिया कोंकणगा मेतपण्हवमालवमहर) (प्र० मग्घर )आभासियाअणक्कचीणल्हासियखसखासिया नेहरमरहट्ठमुहिअआरबडोबिलगकुहणकेकयहूणरोमगरु(प्र० भारुमगा चिलायविसयवासी य पावभतिणो जलयरथलयरसणप्फतोरगखहचरसंडासतोंडजीवोवधायजीवी सण्णी य असण्णिणो य पजत्ता असुभलेस्सापरिणामाएते अण्णेयएवमादी करेंतिपाणातिवायकरणंपावापावाभिगमापावरुईपाणवहक्यरतीया पाणवहरूवाणुढाणा पाणवहकहासु अभिरमंता तुट्ठा पावं रेत्तुं होति य बहुप्पगारं, तस्स य पावस्स फलविवागं अयाणमाणा वड्दति महब्भयं अविस्सामवेयणं दीहकालबहुदुक्खसंकडं नश्यतिरिक्खजोणिं, इओ आउक्खए चुया असुभकामबहुला उववजति नरएसु हुलितं महालएसु वयरामयकुड्डरुद्दनिस्संधिदारविरहियनिम्भवभूमितलखरामरिसविसमणिरयधरचारएसुं महोसिणसयावतत्तदुग्गंधविस्स उव्वेयजणगेसुबीभच्छदरिसणिज्जेसुनिच्च हिमपडलसीयलेसुकालोभासेसुयभीमगंभीरलोमहरिसणेसुणिरभिरामेसुनिष्पडियारवाहिरोगजरापीलिएसु अतीव निच्चंधकारतमिस्सेसु पतिभएसु ववगयगहचंदसूरणखत्तजोइसेसु मेयवसामंसपडलपोच्चडपूयरु पू. सागरजी म. संशोधित |॥ श्री प्रश्रव्याकरणदशाङ्गम् ॥ For Private And Personal

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