Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 45
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir सुकुमालकुम्मसंठियविसिट्ठसिलिट्ट चलणा उज्जुमउयपीवर सुसाहतंगुलीओ अम्भुन्नतंर तिततणितंब सुइनिद्धनखा रोमर हियवट्टसंठियअजहन्नपसत्थलक्खणअकोप्पजंघजुयला सुणिम्मितसुनिगूढ जाणू मंसलपसत्यसुबद्धसंघी कयलीखंभातिरे कसंठियनिव्वणसुकुमालमउयकोमल अविरलसमसहितसुजायवट्टपीवर निरन्तरोरू अट्ठावयंवीइपट्टसंठियपसत्यविच्छिन्नपिहुलसोणी वयणायामप्पमाणदुगुणियविसालमंसल सुबद्धजहणवरघारिणीओ वजविराइयपसत्थलक्खणनिरोदरीओ तिवलिवलियतणुनमियमज्झियाओ उज्जुयसमसहियजच्चतणुक सिणनिद्ध आदेज्जलडहसुकुमालमउयसुविभत्तरोमरातीओ गंगावत्तगपदाहिणावत्ततरंगभंगरविकिरणतरुणबोधित आको सायं तप उमगंभीर विगडनाभा अणुब्भडपसत्थसुजातपीणकुच्छी सन्नतपासा सुजातपासा संगतपासा मियमायियपीणरतितपासा अकरंडुयकणगरु यगनिम्मलसुजाय निरु वहयगायलठ्ठी कं चणकलसपमाणसमसहियलट्ठ - चुचुयआमेलगजमलजुयलवट्टियपओहराओ भुयंगअणुपुव्वतणुयगोपुच्छवट्टसम सहियनमिय आदेज्जलडहबाहा तंबनहा मंसलग्गहत्था कोमलपीवरवरंगुलीया निद्धपाणिलेहा ससिसूर संखचक्क वर सोत्थियविभत्तसुविरइयपाणिलेहा पीणुण्णयकक्खवत्थिष्पदेसपडिपुन्नगलकवोला चउरंगुलसुप्पमाण कंबुवरसरिसगीवा मंसलसंठियपसत्यहणुया दालिमपुफ्फष्पगासपीवरपलंबकुंचितवराघरा सुंदरोत्तरोट्ठा दधिदगरयकुंदचंदवासंतिमउल अच्छिद्दविमलदसणा रत्तुप्लपउमपत्तसुकुमालतालुजीहा कणवीरमुलकुडल डब्भुन्नयउज्जुतुंगनासा सारदनवकमलकुमुत्कुवलयदलनिगर सरिसलक्खणपसत्थ अजिम्हकंतनयणा आनामियचावरुइलकिण्हब्भराइसंगय॥ श्री प्रश्रव्याकरणदशाङ्गम् ॥ पू. सागरजी म. संशोधित ३४ For Private And Personal

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