Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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य एवमादीओ वेयणाओ पावा पावेंति अदन्तिदिया वसट्टा बहुमोहमोहिया परघणंमि लुद्धा फासिंदियविसयतिव्वगिद्धा इत्थीगयरूवसद्दसगंध इट्ठरतिमहित भोगतण्हाइया य धणतोसगा गहिया य जे नरगणा पुणरवि ते कम्मदुव्वियद्धा उवणीया रायकिंकराण तेसिं वह सत्थगपाढयाणं विलउलीकारकाणं लंचसययगेण्हगाणं कूडकवडमायानियडिआयरणपणिहिवचणविसारयाणं बहु विह अलियसतजंपकाणं परलोक परम्मुहामं निरयगतिमामियाणं तेहि य आणत्तजीयदंडा तुरियउग्घाडिया पुरवरे सिंघाडगतियचउक्कचच्चरचउम्मुह महापहपहेसु वेत्तदंडलउडकले पत्थरपणालिपणोल्लिमुट्ठिलयापादपहिजाणुकोप्परपहारसंभग्गमहियगत्ता अट्ठारसकंमकारणा जाइयंगमंगा कलुणा सुक्कोट्ठकंठगलकतालुजीहा जायंता पाणीयं विगयजीवियासा तण्हादिता वरागा तंपिय ण लभंति वज्झपुरिसेहिं धाडियंता तत्थ य खरफरुसण्डहघट्टितकूडग्गहगाढ रुट्ठनिसट्टपरामुट्ठा वज्झकर कुडिजुयनियत्था सुरतकणवीरगहियविमुकुलंकंठेगुणवज्झदूत आविद्धमल्लदामा मरणभयुप्पण्णसेदआयतणेहु त्तु पियकिलिन्नगत्ता चुण्णगुंडिय- | सरीरस्यरेणुभरियकेसा कुसुंभगोक्किन्नमुद्धया छिन्नजीवियासा घुन्नंता वज्झपाणपीया (याण भीता पा० ) तिलंतिलं चेव छिजमाणा सरीरविक्कन्तलोहिओलित्ता कागणिमसाणि खावियंता पावा खरफरुसएहिं तालिज्जमाणदेहा वातिकनरनारीसंपरिवुडा पेच्छिजंता य नागरजणेण वज्झनेवत्थिया पणेज्जंति नयरमज्झेण किवणकलुणा अत्ताणा असरणा अणाहा अबंधवा बंधुविष्पहीणा विपेक्खिता दिसोदिसिं मरणभयुव्विग्गा आधायणपडिदुवारसंपाविया अधन्ना सूलग्गविलग्गभिन्नदेहा, ते य तत्थ कीरंति परिकम्पियंगमंगा ॥ श्री प्रश्रव्याकरणदशाङ्गम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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