Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
माढिवर ( गूढ पा० ) - कम्मगुंडिया आविद्धजालिका कवयकंकडइया उरसिरमुहबद्धकंठतोणमाइतवर फलहरचितपहकर सर हसखरचावकर करं छियसुनिसितसर वरिसचडकर कमुयंत ( मंतेपा पा० ) घणचंड वेगधारानिवायमग्गे अणेगधणुमंडलग्गसंधिता उच्छलियासत्तिकणगवामकरगहियखेडगनिम्मलनिक्किट्ठखग्गपहरंतकों ततोमर चक्कगया पर सुमुसललंगलसूलल उलभिंडमालासब्बलपट्टि - सचम्मेदुदुघणमोट्ठियमोग्गर वर फलिह जंतप्थर दुहणतोणकु वेणी पीढक लियई लीपहरणमिलिमिलिमिलंत खिप्पंतविज्जुज्जलविर - चितसमप्पहणभतले फुडपहरणे महारणसंखभेरि (प्र० दुन्दुभि ) वरतूरपउरपड्डु पहडाहयणिणायगंभीरणंदितपवर वुभियविपुलघोसे हयगयर ह जो हतुरितपसरित उद्धततमंधकार बहुले कातरनरणयणहिययवाउलकरे विलुलिउक्कडवरमउडतिरीडकुंडलो डुदामाडोवियम्मि पागडपडागउसियज्झयवेजयंतिचामरचलंतछत्तंधकारगम्भीरे हयहेसियहत्थिगुलुगुलाइयर हघणघणाइयपाइकह र हराइय अप्फोडियसीहनाया छेलियविघुटुक्कुट्टुलंठगयसद्दभीमगज्जिए सयराहह संतरु संत कलकलरखे आसूणियवयणरुद्दे भीमदसणाधरोट्ठगाढदट्ठे सप्पहरणुज्जयकरे अमरिसवसतिव्वर त्तनिद्दारितच्छे वेरदिट्ठिकुद्ध चिट्ठियतिवलीकुडिलभिउडिकयनिलाडे वहपरिणयनर सहस्सविक्कमवियंभियबले वग्गंततुरगर ह पहा वियसमर भडावडिय छेयलाधवपहार साघितासमूसवियबाहुजुयले मुक्कट्टहासपुकंत बोलबहुले फलफलगावरणगहियगयवर पत्थिं तदरिय भड खलपरोप्पर पलग्गजुद्धगव्वितविउ सित्वरा सिरोसतुरिय अभिमुह यह रिंत छिन्नकरिकरविभंगितकरेअवइट्ठनिसुद्धभिनफालियपगलियरु हिरकत भूमिकद्दमचिलिचिल्लपहे कुच्छिविदालियगलितरु लितनि भेल्लं तंतफुरु फुरंत विगलमम्माहय
॥ श्री प्रश्रव्याकरणदशाङ्गम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
१९
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79