Book Title: Aetihasik Jain Kavya Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shankardas Shubhairaj Nahta Calcutta
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चित्र - सूची में परिवर्तन
चित्रोंको प्रथम रास - सारमें देनेका विचार था, पर फिर मूलमें देना उचित समझ वैसा किया गया है, तथा चित्रोंकी संख्या पूर्व १२ थी पर फिर कई अन्य आवश्यक चित्र प्राप्त हो जानेसे ६ और बढ़ा दिये गये हैं । कुल १८ चित्रोंकी सूची इस प्रकार है :
१. शङ्करदानजी नाइटा-समर्पण पत्रके सामने खरतरगच्छ पट्टावली- -रास सारके प्रारम्भमें ३. श्री जिनदत्तसूरि
२.
४. जिनभद्रसूरि हस्तलिपि
५. जिनचन्द्रसूरि और सम्राट अकबर ६. जिनचन्द्र सूरिजीको हस्तलिपि ७. जिनचन्द्रसूरि मूर्ति
८. जिनराजसूरि-जिन रंगसूरि
९. जिनसखसूरि
१०. जिनभक्तिसूरि
११. कविवर जिन हर्ष - हस्तलिपि
१२. जिनलाभसूरि
१३. जिनहर्षसरि
१४. क्षमा कल्याण
१५. जिनवल्लभसूरि
१६. जिनेवरसूरि
१७. ज्ञानसारजी हस्तलिपि
१८. ज्ञानसारजी और ато जयक
मूल पृ० १
३६
५८
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५९
७९
१५०
२४९
२५२
२६१
२९३
३००
३०८
३६९
३७७
४३२
४३३
छ चित्रोंके बढ़ जानेसे मूल्य में भी १1) के स्थान में १॥ करना पड़ा पुस्तकके अन्तमें भी दो नीचे लिखी बातें और जोड़ दी गइ है:१. सम्पादकोंकी साहित्य प्रगति पृष्ट ४९९ अभयजैन ग्रन्थमालाकी प्रकाशित पुस्तकें ५०३
२.
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