Book Title: Abhidharmkoshkarika Author(s): Jambuvijay Publisher: Jambuvijay View full book textPage 6
________________ m.s. तानि नाङ नाम बेन्येषां रूपसंस्कार संग्रहः // ==== शास्त्र प्रमाण इत्येके स्कन्धादीनां झपैकशः। चरित पति पतस्तु धर्मस्कन्धोऽनुवर्णित:॥१६॥ तथाऽन्येऽपि यथायोगं स्कन्धायनन धातवः। प्रतिपाद्या यथोकेषु सम्प्रधार्य स्वलक्षणम् // 27 // छिदभाका धात्वाव्यमालोकतमसी किल। ___फनिश्रयाः। विज्ञान धानुर्विज्ञान सासवं जन्मनि श्रयः // 28 / / सनिदर्शन मेकोऽन्न रुपं सपतिघा दश / रुपिणी 5 व्याकृता अष्टौ त एवारूपाध्यकाः / / 29 / / विधाऽन्ये झमधात्वाप्राः सर्वे रूपे चतुर्दश / विना गन्ध रस घाण जिहावितान धाभिः // 30/ आरु प्याप्ता मनोधर्म मनोविज्ञान धातवः। सासवाना सवा एने त्रयः दोषास्तु सासवाः // 31 // सवितर्क विचारा हि पञ्च विज्ञान धातवः। अन्त्यास्त्रयस्त्रिप्रकारा: शेषा उभयवर्जिताः // 32 // निरुपणानुस्मरणविकल्पनाऽविकल्पकाः। तो प्रता मानसी व्यग्रा स्मृतिः सर्वत्र मानसी // 33 //Page Navigation
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