Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 01 Aagamiy Sooktaavalyaadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 42
________________ श्री. आगमीय - सूक्तावली ॥३०॥ [ भाग-1] श्री आगमीय सूक्तावलि - आदि आगमीय सुक्तावलि [भगवती+ज्ञाताधर्मकथासूक्तानि] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलितः आगमीय सूक्तावलि आदि (आगम-संबंधी - साहित्य) 45FARM to 5 आ द्धा र प्र भा गः बागरेचप जहा गं तुमं तं सुट्ट गं तुमं गो० ते अन्नउत्थि एवं वयासी साह णं तुमं गो० ते अन्नउत्थिर एवं बयासी । (ভ4) अथ ज्ञाताधर्मकथा सूक्तानि १ उग्गतवसंजमवओ पगिट्ठफलसाहगस्सवि जियस्स । धम्मविवि सुमाथि होइ माया अणत्थाय ॥ जह महिस्स महाबलभवमि तित्थयरनामवं धेऽवि । तयविसय थेवमाया जाया जुवदत्त उति ॥ (१५५) २ जह रयणदीवदेवी तह एत्थं अविरई महापावा जह लाहस्थी बर्णिया तह सहकाया इहं जीवा ॥ जह तेहिं भीरहिं विट्टो आघायमंडले पुरिसो । संसारदुक्खभीया पासंति तहेव धम्मकहं ॥ जह तेण तेसि कहिया देवी दुक्खाण कारणं घोरं । ततो किय नित्थारो सेलगजखाओ नन्नन्तो ॥ तह धम्मकही भयाण साहए दिदुअविरहसहावो । मयलदुहेभूओ विसया विरयंति जीदाणं ॥ सत्ताणं दुहत्ताणं सरणं मरणं जिदिपक्षतं । आणंदरूयनिव्वाणसाहणं तहय देसेइ ॥ जह तेसि तरिय समुद्दो सहेब संसारो। जह तेसि सहिगमणं निव्वाणगमो तहा पत्थं ॥ जह सेलगपिट्टाओ भट्टो देवी मोहियमईओ । सावयसहस्रंमि सायरे पाविओ निहणं ॥ तह अविर नडिओ चरणचुओ दुक्खसावयाइष्णे । निवड अपारससारसायरे दारुणसरुवे ॥ जह देवी अखोही पत्तो सट्टा जीवियसुहाई । तह चरण ठिओ साह अक्खोही जाइ निव्वाणं ॥ ३. चंदोव्ब कालपक्खे परिहाई पर पर पमायपरो । तह उग्धरविग्धरनिरंगणोवि न य इच्छियं लहर ॥ १७१ जह चंदो तह साह राहुवरोहो जहा तह पमायो । बण्णाई गुणगणो जह तहा खमाई समणधम्मो ॥ पुण्णोवि पइदिणं जह हायंतो सव्वहा ससी नस्ले । तह पुण्णचरितोऽवि हु कुसीलसंसग्गिमाईहिं ॥ १६९ माओ साहू हायंतो पइदिणं खमाईहिं । जाय नचरितो ततो दुक्खा पावे ॥ "आगम-संबंधी- साहित्य' श्रेणी [भाग-1] ~42~ 2223455 ho भा गः भगवती ज्ञाताधर्म कथयोः सूक्तानि ||३०||

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