________________
गुरु से प्रेम
जापानी ज़ेन गुरु सुजुकी रोशी की एक शिष्या ने एक दिन रोशी से एकांत में कहा कि उसके ह्रदय में रोशी के लिए अतीव प्रेम उमड़ रहा था और वह इससे भयभीत थी।
"घबराओ नहीं" - रोशी ने कहा- "अपने "अपने गुरु के प्रति तुम किसी भी प्रकार कि भावना रखने के लिए स्वतन्त्र हो और जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मुझमें हम दोनों के लिए पर्याप्र संयम और अनुशासन है।"
26