Book Title: Zen Katha
Author(s): Nishant Mishr
Publisher: Nishant Mishr

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Page 150
________________ करूँगा। यह लिखना तो ब्लॉग के लिए खतरे की घंटी के समान है। ऐसा लिखने का मौका नहीं आने दीजिये। यदि आप कुछ समय से नियमित पोस्ट न कर पा रहे हों तो कहीं से भी थोड़ा सा समय निकालें और एक धाँसू पोस्ट लिख डालें। अपने किसी टीम मेंबर को भी पोस्ट लिखने के लिए कह सकते हैं। न लिखने के कारणों पर कोई पोस्ट कदापि न लिखें। ४ - अपनी सर्वोत्तम पोस्ट न दिखाना - नए पाठक के लिए कई महीनों पुरानी आर्काइव में खोजबीन करना मुश्किल होता है। नया पाठक आपकी सबसे अच्छी पोस्टों को पहले पेज पर ही देखना चाहता है। ऐसा हो सकता है की आपके ब्लॉग में बहुत सारी अच्छी पोस्टें हों और जिन्हें पहले पेज पर लगा पाना सम्भव न हो पर आप ऐसा साइडबार में उनकी लिंक लगाकर कर सकते हैं। नए पाठकों के लिए ऐसी आठ-दस पोस्टों की लिंक लगा । अपने पाठकों का ख्याल करें और उनके लिए अपनी अच्छी पोस्टें सुलभ करें। ५ फ्लैशिंग या खिझाऊ विज्ञापन दिखाना - वैसे तो हिन्दी ब्लॉगिंग पर अभी गूगल ऐडसेंस की कृपा ठीक से नहीं हुई है फिर भी कभी-कभी किसी ब्लॉग पर मुझे फ्लैश विडियो के या किसी तरह के गतिमान / ध्वनियुक्त विज्ञापन या उससे मिलते जुलते विजेट दीखते हैं। यह ज़रूरी नहीं की वे किसी कंपनी या सर्विस प्रदाता के विज्ञापन ही हों, कभी-कभी ब्लौगर अपना स्वयं का विज्ञापन भी करते दीखते हैं जब यह सब मुझे घेरने लगता है तो मैं उस जगह से बाहर निकल आता हूँ। इससे खीझ आती है, ऊब होती है। अपने ब्लॉग पर ऐसी कोई चीज़ न लगायें जो आप किन्ही दूसरे ब्लौगों पर न देखना चाहें। - ६ ब्लॉगिंग को अपनी दुकान बनाना - - मैं ऐसे बहुत सारे ब्लॉग्स पर गया हूँ जिनकी विषय- वास्तु ने मुझे आकर्षित किया है। वे बहुत अच्छे ब्लॉग्स हैं सिवाय एक बात को छोड़कर - वे मुझे कुछ-न-कुछ बेचना चाहते हैं। कोई अपनी पोस्ट में अपने उत्पाद या सेवाएं प्रस्तुत करता है, कोई और साइडबार या लिंक्स लगाकर ऐसा करता है ये चीजें या तो उनकी स्वयं की होती हैं या उनकी कोई और वेबसाईट की होती हैं यह बात सही है कि मेरे कुछ ब्लौगर मित्र ऐसे भी हैं जो अपने उत्पादों या सेवाओ की जानकारी अपने ब्लॉग्स पर देते हैं लेकिन वे कुछ खरीदने की सलाह नहीं देते। यह अच्छी बात है। कभी-कभी अपने प्रोडक्ट्स की जानकारी देना किसी को बुरा नहीं लगता लेकिन हर पोस्ट में ऐसा नहीं करना चाहिए । - ७ बहुत लम्बी पोस्टें लगा देना इस पोस्ट में १० बिन्दु दिए गए हैं लेकिन फिर भी यह स्क्रीन पर लम्बी लगती है और इसे पूरा पढने में कुछ समय भी लगता है। यदि इस पोस्ट में २० बिन्दु होते तो मैं यह पोस्ट २ भागों में लगाता। कई लोग हर पोस्ट को पढने से पहले उसे सरसरी निगाह से स्कैन कर लेते हैं। अनुभवी लोग एक झलक में ही पोस्ट की उपयोगिता या रोचकता को भांप जाते हैं। बहुत लम्बी पोस्टों में कहीं बीच में यदि कोई काम 149

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