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आपकी ब्लॉगिंग को व्यर्थ करनेवाली 9 गलतियाँ
अक्सर ऐसा होता है कि मैं किसी ब्लॉग पर उपयोगी या रोचक जानकारी की तलाश प्रारम्भ करता हूँ पर कुछ ही देर में इतना खीझ जाता हूँ कि चंद मिनटों में ही ब्लॉग को बंद कर देता हूँ।
कई ब्लॉग्स पर अच्छी पोस्टें होती हैं जिनको मैं ढूंढता रहता हूँ। उस ब्लॉग पर पहली बार आनेवाले को यदि कोई अच्छी पोस्ट नहीं खोजने पर नहीं मिलेगी तो वह ब्लॉग पर वापस क्यों आएगा? ब्लॉग की ख्याति तो उसपर बारम्बार आनेवाले पाठक ही बनाते हैं!
जिस ब्लॉग पर आप पिछले कुछ समय से विज़िट करते रहे हों उसके ब्लॉगर को आप जानने लगते हैं। उस ब्लॉग की रूपरेखा, यहाँ तक कि ब्लॉगर की पोस्ट करने से सम्बंधित आदतों को भी आप जान जाते हो। आपको यह पता होता है कि वह ब्लॉग कितना उपयोगी / रोचक है।
लेकिन नए विजिटरों को ये बातें पता नहीं होतीं और बहुत से मामलों में first impression is the last impression वाली बात सही साबित हो जाती है। पहली बार में ही यदि विजिटर को कुछ अच्छा लगता है तो उसे आपका प्रिय पाठक बनने में अधिक समय नहीं लगता। वह आपके ब्लॉग पर बार-बार आता है।
इसके विपरीत, यदि विजिटर पहली बार ही आपके ब्लॉग को नापसंद कर बैठे तो वह अगली बार भला वहां क्यों आएगा ! यदि कुछ मिनटों के भीतर ही विजिटर को आपके ब्लॉग में उसके लायक कोई चीज़ नहीं मिलेगी तो वह आपके हाथ से शायद हमेशा के लिए चला जाएगा। वास्तव में, आपमें से बहुतों के साथ ऐसा हुआ होगा। यदि आप किसी पाठक को आकर्षित नहीं करते तो आप उसे खो देते हैं। यह बिल्कुल बिजनेस के सिद्धांत जैसा है जिसे आपकी दुकान में काम का माल नहीं मिलेगा वो दोबारा वहां नहीं आएगा। ये बात मैंने सिर्फ़ मिसाल के लिए कही है, अधिकतर लोगों के लिए ब्लॉग उनके विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम हैं और वे अपने ब्लौगों से भावनात्मक लगाव रखते हैं। :)
हर छूटा हुआ पाठक किसी चूके हुए अवसर के समान है आपके अपने ब्लॉग को बड़ी मेहनत से प्रमोट किया, उसे सजाया-संवारा, दूसरों के ब्लौगों से सम्बद्ध किया, पूरे ब्लॉग जगत अपने आगमन की मुनादी की... लेकिन जब पाठक आपके ब्लॉग पर पहली बार आया तो आप उसे अपना नियमित पाठक या सब्स्क्राइबर या फॉलोवर नहीं बना सके। : (
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