Book Title: Zen Katha
Author(s): Nishant Mishr
Publisher: Nishant Mishr

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Page 158
________________ ४ - बहुत सारे भारतीय ब्लौगर अभी भी १५ / १७ इंच मॉनिटर पर काम करते हैं। चार कॉलम वाले टेम्पलेट का प्रयोग न करें। पेज पर पोस्टों में टेक्स्ट का आकार मीडियम ही रखें। ५ - अपने प्रोफाइल पर ध्यान दें। अपना चित्र लगायें। अपनी रूचियों का वर्णन करें। अपने बारे में बताते समय भावनाओं में न रहें। ६ अपने ब्लॉग्स पर फालतू के विजेट न लगायें। ब्लॉग पर घड़ी लगाने की क्या ज़रूरत है? सिर्फ़ २-३ प्रमुख एग्रीगेटरों के कोड लगायें। जो विजेट केवल आपके ट्रेफिक की जानकारी देते हों उन्हें साइडबार में सबसे नीचे लगायें। इससे सामग्री पर ज्यादा ध्यान जाता है। अपनी और दूसरों की रुचि जगाये रखें १ - जो आपको अच्छा लगता है उसपर लिखने में संकोच न करें भले ही वह आपके ब्लॉग की परम्परा से हटकर हो। ब्लॉगिंग पर लिखना मेरे इस ब्लॉग का विषय नहीं है लेकिन मैं इसे यहाँ लिख रहा हूँ क्योंकि यह सबके काम की बात है। २. ब्लॉगिंग को पैसा कमाने का माध्यम बनाने के बारे में न सोचें। ऐसा हो तो अच्छी बात है लेकिन इसके लिए ब्लॉग को बेहतर तो बनाना ही पड़ेगा। हिन्दी ब्लॉगिंग में वैसे भी कोई पैसा नहीं है, इसीलिए इसे अपनी रुचि का माध्यम बनायें । ३ आपके पाठक १० हों या १० हजार, उनसे जुड़ने में ही आपका हित है। - ४ - ब्लॉगिंग ज़िन्दगी का पर्याय नहीं है। एक हफ्ता पोस्ट नहीं करेंगे तो आपकी दुनिया नहीं बदल जायेगी। दूसरी चीज़ों की ओर भी ध्यान दें। पोस्टों की बड़ी संख्या आपको चिट्ठाजगत में सक्रिय तो दिखाएगी लेकिन इससे आप सम्मानित व् प्रतिष्ठित ब्लौगर का दर्जा नहीं पा सकेंगे। ज्यादा फौलोवर / सब्स्क्राइबर कैसे पायें १- पोस्ट की गुणवत्ता पर ध्यान दें, भले ही सप्ताह में एक बार पोस्ट करें। २ - जो लोग आपको पसंद करते हैं वो आपके ब्लॉग पर आते रहेंगे। आपकी पोस्टों में दम होगा तो आपसे हमेशा ही ज्यादा लिखने की मांग की जायेगी और आपके फौलोवर / सब्स्क्राइबर की संख्या बढ़ेगी। ३ - आपके ब्लॉग की उपयोगिता भविष्य में भी होनी चाहिए केवल इसी महीने नहीं । 157

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