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यह बहुत बड़ी बात है। जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण सबसे अधिक महत्त्व रखता है। 'सकारात्मक दृष्टिकोण' रखने के बारे में हम इतना अधिक पढ़ते-सुनते हैं कि हमें यह बहुत सरसरी बात लगने लगती है और हम इसे नज़रंदाज़ करने लगते हैं। मेरे जीवन में इसने हमेशा बेहतर प्रभाव डाला है
और इसके बिना मैं आज कुछ भी न होता - मेरा ब्लॉग इतना प्रसिद्द न होता, मेरी किताब इतनी अधिक न पढी जाती, और मैंने तीन मैराथन भी नहीं दौडी होतीं।
'सकारात्मक दृष्टिकोण' रखना सिर्फ हमारी उपलब्धियां नहीं बढाता बल्कि हमें फ़ौरन ही खुशी दे देता है। इसे अपनाना आपकी मर्जी पर है।
और इसके कारगर तरीके ये हैं:
अ - आपके पास जो कुछ है उसकी कीमत जानें - आपके जीवन में इतना कुछ मूल्यवान है जिसका आपको अंदाजा नहीं है। इतने सारे परिजन और मित्र हमें कितना प्यार करते हैं। प्रेम बहुत चमत्कारपूर्ण भावना है। अच्छी सेहत भी बहुत बड़ा वरदान है। आसपास नज़र घुमाकर देखें - दुनिया इन आंखों से कितनी खूबसूरत दिखती है। कानों में पड़नेवाला मधुर संगीत आत्मा को भी भावविभोर कर देता है। क्या इन सब बातों के लिए ईश्वर को आभार व्यक्त नहीं करना चाहिए? पूरे दिनभर में कुछ लम्हे ऐसे चुन लीं चाहिए जब हम उन सभी सकारात्मक चीज़ों के बारेमें सोचें जो हमें मिली हैं, दूसरों से हमें जो भी मिलता है उसके मन लिए कृतज्ञता का भाव रखें, उन्हें इसके लिए धन्यवाद दें।
ब- हमेशा अच्छाई ढूँढें - हर बात में कोई न कोई अच्छाई भी ढूंढी जा सकती है और बुराई भी। मेरे दादाजी कि मृत्यु ने मुझे इस बात का अहसास कराया कि उनके रहते जीवन कितना बेहतर था और वे कितने प्यारे आदमी थे। हमारे प्रिय लोग हमारे साथ मौजद हैं. यह कितनी अच्छी बात है। अनमोल जीवन मिला हुआ है, क्या इसके लिए हम किसी के शुक्रगुजार होते हैं? बीमारी हमें आराम का अवसर प्रदान करती है। नौकरी छूट गई हो तो ज़िन्दगी नए सिरे से शुरू करने का और परिवार के साथ ज्यादा समय रहने का मौका मिलता है। मचल जाने वाला बच्चा अपने को व्यक्त करने का जरिया ढूंढता है, अपनी शख्सियत का अहसास कराता है, मनुष्य ही ऐसा कर सकता है। आपको खिझा देने वाली बात में या आपको सतानेवाले व्यक्ति में कुछ अच्छा ढूंढें, आपको ज़रूर मिलेगा।
स- आप बदलाव ला सकते हैं, वाकई - अब कुछ अच्छा नहीं होगा - चीजें बद से बदतर हो जाएँगी- ऐसी बातें भी हमारी समस्या की जड़ हो सकती हैं। यह मानना शुरू कर दें की आप चीजें बेहतर कर सकते हैं और बदलाव शुरू हो जाएगा। आप बदलाव ला सकते हैं! - मैंने और दूसरों ने ऐसा करके देखा है और इसमें सफल हुए हैं! यह सम्भव है!
द- हर क्षण का आनंद लें-आप इस समय जो भी कर रहे हों या दिन के किसी भी समय जो कुछ भी करते हों उसे आनंद के साथ करें - पढ़ना, लिखना, दोस्तों से बातचीत, नहाना, सीढियां चढ़ना, खाना,
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