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करूँगा। अपनी समस्त ऊर्जा को मैं आत्मविकास में लगाऊँगा, अपने ह्रदय को दूसरों के लिए खोलूँगा, सभी जीवों के कल्याण के लिए काम करूँगा, दूसरों के प्रति मन में अच्छे विचार रबूँगा, किसी से नाराज़ नहीं होऊंगा और किसी का बुरा नहीं सोचूंगा, दूसरों का जितना हित कर सकता हूँ उतना हित करूँगा"।
२ - शानदार शुरुआत - पहले तो मैं देर से उठा करता था और बिस्तर से उठते ही खुद को और बच्चों को तैयार करने की जद्दोजहद में लग जाता था। कैसे तो भी बच्चों को स्कूल में छोड़कर दफ्तर देर से पहुँचता था। मैं काम में पिछड़ रहा था, उनींदा सा रहता था, चिडचिडा हो गया था। हर दिन इसी तरह शरू होता था। अब मैंने सवेरे के कामों को व्यवस्थित कर लिया है। बहुत सारे छोटे-छोटे काम मैं ८:०० से पहले ही निपटा लेता हूँ। बच्चे और मैं तब तक तैयार हो जाते हैं और जब दूसरे लोग आपाधापी में लगे होते हैं तब मैं काम में लग जाता हूँ। सवेरे जल्दी उठकर अपने दिन की शुरुआत करने से बेहतर और कोई तरीका नहीं है।
३ - दिन की शांत शुरुआत - बच्चों की चें-पें, खेलकूद का शोर, गाड़ियों के हार्न, टी वी की चिल्लपों - सवेरे यह सब न के बराबर होता है। सुबह के कुछ घंटे शांतिपूर्ण होते हैं। यह मेरा पसंदीदा समय है। इस समय मैं मानसिक शान्ति का अनुभव करता हूँ, स्वयं को समय दे पता हूँ, खुली हवा में साँस लेता हूँ, मनचाहा पढता हूँ, सोचता हूँ।
४ - सूर्योदय का नज़ारा - देर से उठनेवाले लोग हर दिन घटित होनेवाली प्रकृति की आलौकिक प्रतीत होनेवाली बात को नहीं देख पाते - सूर्योदय को। रात काले से गहरे नीले में तब्दील होती है, फ़िर हलके नीले में, और आसमान के एक कोने में दिन की सुगबुगाहट शुरू हो जाती है। प्रकृति अपूर्व रंगों की छटा प्रस्तुत करती है। इस समय दौड़ने की बात ही कुछ और है। दौड़ते हुए मैं दुनिया से कहता हूँ - "कितना शानदार दिन है!" सच में!
५ - नाश्ते का आनंद - सवेरे जल्दी उठकर ही आप नाश्ते का आनंद ले सकते हैं। नाश्ता दिनभर का सबसे ज़रूरी भोजन है। नाश्ते के बिना हमारी देह धीमी आंच पर काम करती है और दोपहर के भोजन तक हम इतने भूखे हो जाते हैं की कुछ भी अटरम-सटरम खा कर पेट टाइट कर लेते हैं, जैसे समोसे, जलेबी, पोहा, पकौडे, आदि। सवेरे अच्छा नाश्ता कर लेने से इनकी ज़रूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा, चाय-काफी की चुस्कियां लेते हुए सवेरे अख़बार पढ़ना या दफ्तर में काम की शुरुआत करना कितना सुकूनभरा है!
६ - कसरत करना - यूँ तो आप दिनभर में या शाम को कभी भी कसरत कर सकते हैं पर सवेरे-सवेरे यह करने का फायदा यह है कि आप इसे फ़िर किसी और समय के लिए टाल
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