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कहा:
पेन्सिल का संदेश
पेंसिल बनानेवाले ने पेन्सिल उठाई और उसे डब्बे में रखने से पहले उसने पेन्सिल से
"इससे पहले कि मैं तुम्हें लोगों के हाथ में सौंप दूँ, मैं तुम्हें ५ बातें बताने जा रहा हूँ जिन्हें तुम हमेशा याद रखना, तभी तुम दुनिया की सबसे अच्छी पेंसिल बन सकोगी।
पहली तुम महान विचारों और कलाकृतियों को रेखांकित करोगी, लेकिन इसके लिए तुम्हें स्वयं को सदैव दूसरों के हाथों में सौंपना पड़ेगा।
दूसरी तुम्हें समय-समय पर बेरहमी से चाकू से छीला जाएगा लेकिन अच्छी पेन्सिल बनने के लिए तुम्हें यह सहना पड़ेगा ।
तीसरी तुम अपनी गलतियों को जब चाहे तब सुधर सकोगी ।
चौथी - तुम्हारा तुम्हारा सबसे महत्वपूर्ण भाग तुम्हारे भीतर रहेगा।
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और पांचवी तुम हर सतह पर अपना निशान छोड़ जाओगी। कहीं भी समय हो, तुम लिखना जारी रखोगी।"
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कैसा भी
पेन्सिल ने इन बातों को समझ लिया और कभी न भूलने का वादा किया। फ़िर वह डब्बे के भीतर चली गयी।
अब उस पेन्सिल के स्थान पर आप स्वयं को रखकर देखें। उसे बताई गयी पाँचों बातों को याद करें, समझें और आप दुनिया के सबसे अच्छे व्यक्ति बन पाएंगे।
पहली - आप दुनिया में सभी अच्छे और महान कार्य कर सकेंगे यदि आप स्वयं को ईश्वर के हाथ में सौंप दें। ईश्वर ने आपको जो अमूल्य उपहार दिए हैं उन्हें आप औरों के साथ बाँटें ।
दूसरी आपके साथ भी समय-समय पर कटुतापूर्ण व्यवहार किया जाएगा और आप जीवन के उतार-चढाव से जूझेंगे लेकिन जीवन में बड़ा बनने के लिए आपको वह सब झेलना ज़रूरी होगा।
तीसरी आपको भी ईश्वर ने इतनी शक्ति और बुद्धि दी है कि आप अपनी गलतियों को कभी भी सुधार सकें और उनका पश्चाताप कर सकें।
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