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पं० आशाधरके विषयमें जितना परिचय मिल सका, वह हमने पाटकोंके आगे निवेदन कर दिया । इससे अधिक परिचय पानेके लिये आशाधरके दूसरे ग्रन्योंकी खोज करना चाहिये । मालवामें प्रयत्न किया जावे, तो हमको आशा होती है कि, उनके बहुतसे ग्रन्य मिल जावंगे । इस विषयमें हमने नाल्छाके एक सज्जनको लिखा था, जो कि जैनहितैपीके ग्राहक हैं । परन्तु उन्होंने हमको कुछ उत्तर भी नहीं दिया! .
इस लेखके लिखनेमें हमको सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ पं० गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझासे बहुत कुछ सहायता मिली है, इस लिये हम उनका हृदयसे आभार मानते हैं।
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