Book Title: Vargchulika
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 26
________________ • पोउप्र. छ श्रावारातधूम्रकेउयदोलनः श्रवणतयरानस्वितिर उदयोलावाऽति। मा झारप्र. અંતિમ પત્ર मात्रा भूण. हि - Y नमः सिद्धं ॥ भत्तिब्भरनमियसुरवर... अन्त- जिणवयणे दढचित्ता होह पइदियहं ॥९॥ सुयहीलुप्पत्तीणामज्झयइणं सम्मत्तं ॥ श्रीवीरात् २९० वर्षे संप्रत्तिभूपतिः तत १६९९ वर्षे दुष्टवणिजः एवं १९९० वर्षे श्रीवीरात् धूमकेतुग्रहो लग्नः ३३३ वर्षाणि तश्य राशौ स्थिति २३२३ उदयो भावी इति ॥ थ - हैपसानो sो विमanीय 6श्रयनो ज्ञानise ममहापE, S-१४3, ग्रन्थ-५८८७, पत्र-१४ एश्रीजिनामनमग शक्तिमानरमतीकराममताचासुर देदीप्यमानर मस्तक मागुरू-मोनमानमः वनरमनुष्यतिणनाभिपरतमुकटमा कातिसुक्त aan किराणायश्रीकयोजनाक दरताना [Comeमायनमसिनरशमीरपुरश्रचिरिशेहरकिरणरस्यसचिमरियं नावात्रीनीरस्वामिनानरावदनीकातिनीधीति नीरस्वामीमीवियामुधमलानि नमस्कारकराएवा बरगननेसास्फडातन राय हिलगानीपनि नामिभिरिवारवयंसमुख्यदातवीरायचीयमवयसिरिय श्री निलिजा सिमीजस्चामावरम श्रीवामी...निमारस्वर शिवाजता यामिनिका ततीसुधालेचे शिक्षजंबुचरमना२त्कारमशरिसेट श्वसामावजीकता सिलधारेश्वरम अखामा चिज १ लि गेवता पनवरिगतिययनवणं विद्याबिनयीयततोगव्यागार ज वाजमोन मिजंन स्वामीनामाप निधरताध्यापकता सामीमगराईको देतीका ४गञ्यानमेव मानगुरुतती सिचीभिजीनवयमसमयनु विस्तीमवती याववियु પ્રથમ પત્ર

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