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साधन, वेषभूषा आभूषण, प्रसाधन, केश-विन्यास आदि का विवरण तुलनात्मक प्रध्ययन द्वारा दिया गया है इनके अतिरिक्त तिलक मंजरी में वर्णित पशु-पक्षी, वनस्पति-वर्ग, खान-पान से सम्बन्धित विविध सामग्री का अध्ययन भी प्रस्तुत किया गया है । तत्कालीन सामाजिक व धार्मिक जीवन जैसे वर्णाश्रम व्यवस्था पारिवारिक जीवन, स्त्री का स्थान, विवाह मेले त्योंहार, उत्सवादि का भी विस्तृत विश्लेषण किया गया है । इस प्रकार का शोध-एवं अध्ययन इससे पूर्व नहीं किया गया था।
___ अंत में, मैं इस पुस्तक की आधारभूत सामग्री के संकलन में मुझे जिन-जिन का सहयोग प्राप्त हुआ है उन्हें धन्यवाद ज्ञापन करना चाहुंगी। सर्वप्रथम मैं संस्कृत के लब्धप्रतिष्ठित, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, मूर्धन्य विद्वान् डॉ० रसिक विहारी जोशी, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ जिन्होंने मुझे संस्कृत शोध की आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति में दीक्षित किया और तिलकमंजरी के दुरूह स्थलों को समझने में मेरा मार्गनिर्देशन किया।
मैं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, दिल्ली एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दिल्ली के प्रति भी कृतज्ञ हूँ, जिन्होंने मुझे शोध-कार्य हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान किया।
मैं राजस्थान प्राच्य-विद्या-प्रतिष्ठान, जोधपुर, सुमेर पब्लिक लाइब्रेरी, जोधपुर, सेन्ट्रल लाइब्रेरी, जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रति भी अपना आभार प्रकट करती हूँ जिन्होंने ग्रन्थ सोविध्य द्वारा मुझे सहायता प्रदान की।
__ मैं अपने उन सभी गुरुजनों, मित्रों और बन्धुओं को धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ, जो परोक्ष और अपरोक्ष रूप में मेरे इस कार्य में प्रेरक रहे।
मेरे पति श्री अरुण कुमार गुप्ता को धन्यवाद देने के लिये मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं, जिनके सहयोग के अभाव में इस कार्य के पूर्ण होने की कोई सम्भावना ही नहीं थी।
अत में, मैं प्रोप्राइटर पब्लिकेशन स्कीम के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रदर्शित करती हैं, जिनके सहयोग से मैं अपनी कृति को विद्वानों के समक्ष प्रस्तुत कर सकी।
आशा करती हूं कि प्रस्तुत पुस्तक संस्कृति प्रेमी विद्वद्जनों एवं शोधार्थियों के ज्ञानवर्धन में सहायक होगी।
निवेदिका
- पुष्पा गुप्ता 6.7.88
वहित्रावास-सिरोही