Book Title: Tapagaccha Shraman Vansh Vruksh
Author(s): Jayantilal Chottalal Shah
Publisher: Jayantilal Chottalal Shah

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Page 28
________________ 5555555555 95 95 95 95 95 9555555555555555555555 ७४ आचार्यदेव श्री विजयकमलसूरीश्वरजी महाराज ( अनुसंधान पानुं १० ) I ७५ आ. श्री विजय सरसूरि पं. श्री प्रेमविजय ७६ प्र.पं. श्री पं. न्याय दर्शन लाभविजय विजय विजय मनहरविजय तपस्वी तरुणविजय शांतिविजय हरखविजय चंद्र ध्यान विजय विजय 1 मृगेन्द्र विजय ७६ गुरुकुल स्थापक श्री चारित्रविजयजी ( कच्छी) 5 | ७७ धर्म प्रचारक Jain Education International श्री दर्शनविजयजी | उ. श्री देव विजयजी ७८ न्यायविजय स्थ. श्री विनय विजयजी प्रभाव विजय 1 नयविजय फ़ मानविजय सुमतिविजय मतिविजय पद्मविजय उ. प्रतापविजय पं. प्रीति 1 उ पं. धर्म - phd द | आ. श्री विजय मोहनसूर य शांति विजय निपुण विजय विजय श्री ज्ञानविजयजी I वल्लभविजय भ For Private & Personal Use Only https र त मा णे क वि वि ज ज य थ 1 ७८ यशो विजय जयानंद विजय – विक्रम विजय - क च हर्ष विजय विजय ल वि ज य [११] पं. श्री मोति विजयजी I दान विजय प्र. तीर्थविजय क्षमाविजय । सुभद्र पु विजय उप वि रंजन ज विजय य ७८ ७८ महेन्द्र विजय श्री मित्रविजयजी 5555555555555555555555555 95 95 95 95 94 94 95 95 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 www.jainelibrary.org

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