Book Title: Tapagaccha Shraman Vansh Vruksh
Author(s): Jayantilal Chottalal Shah
Publisher: Jayantilal Chottalal Shah

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Page 27
________________ Jain Education International 55555555555555555555555555555555 5 5555555555555 ७२ महायोगीराज श्री बुद्रिविजयजी (बुटेरायजी ) महाराज (अनुसंधान पार्नु ९) श्री नीति विजयजी पं. आणंद विजयजी श्री मोतिविजयजी ७३ तपगच्छाधिपति श्रीवृद्धिजयजी श्रीमुक्तिविजयजी (वृद्धचंद्रजी) गणी महाराज (मूलवंदजी) महाराज (जुओ पार्नु १२) आ श्रीविजयानंद सूरोवरजी (आत्माराम जी) महाराज तपस्वी श्री खान्ति विजयजी (दादा) चंद्रविजयजी हरखविजयजी मोहनविजय लन्धिविजय विजय (जुओ पार्नु १५) रामविजय विनयविजय भक्तिविजय सिद्धिविजयक देवविजय | कनकविजय । कल्याण विजय पं. पुष्पविजय कपुरविजय उत्तमविजय पं.दुर्लभविजय चंद्र चंदन विजय विजय शान्ति विजय पार्श्वविजय पं. अमृतविजय उद्योतविजय पुण्यविजय For Private & Personal Use Only ७५ आ. विजयवीरसूरिक पं. मणिविजय तिलकविजय मोहनविजय । चंदनविजय ७७ प्रभावविजय राजेन्द्रविजय ७८ अगरेन्द्रविजय पं. लाभविजय चंद्रविजय उ. कुमुद विजय ७६ कमलविजय उत्तमविजय ७७ मनोहरविजय मेहविजय मानविजय निपुणविजय कनकविजय प्रेमविजय ७८ ७४ आ. श्री विजयकमल श्री गुलाब श्री हंसविजयजी श्री दानविजयजी श्री थोभणविजयजी सूरीश्वरजी महाराज विजयजी लब्धिविजय दीपकांग्जय गुणविजय । ... मणिविजय मंगलविजय प्रधान विजय नरेन्द्रविजय ७६ रंगविजय धरणेन्द्रविजय सुमतिविजय (जुओ पार्नु ११) पद्मविजय ७७ धनविजय 5555555555555555555555555EEEEEEEEE www.jainelibrary.org

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