Book Title: Sramana 2011 10
Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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३६ : श्रमण, वर्ष ६२, अंक ४ / अक्टूबर-दिसम्बर २०११ १९. आख्यानकमणिकोश, नेमिचन्द्रसूरि, सम्पा० मुनिपुण्यविजय, प्राकृत ग्रन्थ
परिषद्, ग्रन्थाङ्क-५, वाराणसी, १९६२ निर्भयभीमव्यायोग, श्री रामचन्द्रसूरि, सम्पा० डॉ० अशोक कुमार सिंह ग्रन्थमाला- १९, वाराणसी भवभावना, मल्लधारी हेमचन्द्रसूरि, श्रीमती गंगाबाई जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, बीलेपारले, मुम्बई, १९८५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्, हेमचन्द्र, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, १९०६
१९१३
अममस्वामिचरित, मुनिरत्नसूरि, पन्न्यासगणि विजय जी गणिवर ग्रन्थमाला, १९४२ बालभारत, अमरचन्द्रसूरि, काव्यमाला-४५, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, १८९४ पाण्डवचरित, देवप्रभसूरि, काव्यमाला सिरीज, बम्बई, १९११ द्रौपदी-स्वयंवरम्, विजयपाल, सम्पा० मुनिजिनविजय, जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, १९१८ श्रीकृष्णचरितम्, देवेन्द्रसूरि, ऋषभदेव केशरीमल श्वेताम्बर संस्था, रतलाम, १९३८ काव्यमण्डन, मण्डन मन्त्री, हेमचन्द्राचार्य ग्रन्थावली (३), पाटन, १९१९ पाण्डवपुराण, शुभचन्द्राचार्य, जैन संस्कृति संरक्षक-संघ, जीवराज जैन ग्रन्थमाला-३, शोलापुर, पृ० १९५४ नेमिनाथचरित, गुणविजयगणि, जैनआत्मानन्द सभा, भावनगर, १९२३, परिच्छेद ६, ८, ११, १३ । 'वूमेन इन बुद्धिज्म लिटरेचर'- वी०सी०लॉ, अध्याय १, पृ० ८ कुणाल जातक, जातक (पञ्चम खण्ड), भदन्त आनन्द कौसल्यायन, विषय ५३६, पृ० ५०८ एवं भरतसिंह उपाध्याय, ‘पालि साहित्य का इतिहास', पृ० ३५६ 'बौद्ध संस्कृत काव्य समीक्षा', रामायण प्रसाद द्विवेदी, पृ० २६२ दशरूपक, धनञ्जय,
३३. ३४.
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