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जैन जगत्
१. वैशाली में डॉ० गुलाबचन्द चौधरी स्मारक व्याख्यानमाला सम्पन्न मानव संसाधन विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा संचालित प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली के सभागार में दिनाङ्क २३ अक्टूबर २०११ को गुलाबचन्द चौधरी स्मारक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला का उद्घाटनं वैशाली के सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ० रघुवंश प्रसाद सिंह ने किया। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान् डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव ने की तथा मुख्य वक्तृ के रूप में विदुषी डॉ० मिथिलेश कुमार मिश्रा ने अपने विचार प्रस्तुत किये। २. प्रो० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' बी० एल० इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली के निदेशक बने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व प्रोफेसर एवं जैनदर्शन विभागाध्यक्ष एवं प्राच्य विद्याओं के वरिष्ठ विद्वान प्रो० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' दिल्ली स्थित भारतीय प्राच्य-विद्याओं के अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संस्थान भोगीलाल लहेरचन्द इन्स्टीट्यूट
ऑफ इण्डोलॉजी (बी० एल०आई० आई०) के निदेशक के रूप में नवम्बर २०११ से पदभार सम्हाल रहे हैं। ज्ञात हो कि प्रो० प्रेमी पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के शोध-छात्र रह चुके हैं। इनका शोध-विषय था 'मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन'। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की तरफ से हार्दिक शुभकामना। ३. 'अध्यात्म, समाज और भ्रष्टाचार' विषय पर राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी सम्पन्न जोधपुर में ५-६ नवम्बर २०११ को 'अध्यात्म, समाज और भ्रष्टाचार' विषय पर द्विदिवसीय राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी का आयोजन परमश्रद्धेय आचार्यप्रवर श्री हीराचन्द्रजी म०सा० के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। ४. जम्बूद्वीप के पीठाधीश पूज्य क्षुल्लकरत्न श्री मोतीसागर जी महाराज का समाधिमरण जम्बूद्वीप, हस्तिनापुर के पीठाधीश धर्मदिवाकर पूज्य क्षुल्लक श्री मोतीसागर जी महाराज का सल्लेखनापूर्वक समाधिमरण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, १० नवम्बर २०११ को हुआ। पूज्य महाराज श्री के समाधिमरण को हर किसी ने अपूरणीय क्षति बताकर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की।