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जैन जगत् : ११९ ५. लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद में इलेक्ट्रानिक लाइब्रेरी का उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अहमदाबाद में ११ नवम्बर २०११ को भारतीय संस्कृति के अध्ययन, संशोधन, प्राचीन हस्तलिखित दुर्लभ ग्रन्थों के संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी संस्था लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर में इलेक्ट्रानिक लाइब्रेरी परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ० कलाम ने पारसी विद्वान् डॉ० होनीवाला की पुस्तक 'Many Faces of Peace' के डॉ० श्री देवीबेन मेहता एवं प्रो० प्रशान्त दवे कृत गुजराती अनुवाद 'शान्तिना स्वरूपो' का विमोचन भी किया जिसे डॉ० जे०बी० शाह ने सम्पादित किया है। ६. प्रो० भागचन्द जैन 'भास्कर' 'जैन रत्न' से सम्मानित अमेरिका में प्रो० भागचन्द जैन भास्कर को जैनधर्म, इतिहास, दर्शन, संस्कृति और पुरातत्त्व के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 'जैन रत्न' उपाधि से सम्मानित किया गया है। साहित्यिक क्षेत्र में ऐसे योगदान के लिए यह उनका बीसवाँ पुरस्कार है। प्रो० भास्कर की ७५ से भी ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ज्ञात हो कि प्रो० भास्कर पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के निदेशक (१९९९-२००१) भी रह चुके हैं। इस सम्मान के लिए उन्हें पार्श्वनाथ विद्यापीठ की तरफ से हार्दिक बधाई। ७. 'भारतीय दर्शन को जैन दार्शनिकों का अवदान' विषय पर राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी का आयोजन दिनाङ्क ३०-३१ दिसम्बर, २०११ एवं १ जनवरी, २०१२ को प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म०प्र०) एवं भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से 'भारतीय दर्शन को जैन दार्शनिकों का अवदान' विषय पर त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी का आयोजन किया गया है। ८. जलगाँव में भव्य जैन भगवती दीक्षा समारोह आगामी १९ जनवरी, २०१२ को श्री ज्ञानचन्द्र जी म० सा० की पावन निश्रा में तरुण तपस्वी सेवा भावी श्री धर्मेन्द्र मुनिजी म.सा० आदि संतरत्न, वरिष्ठतम महासाध्वी रत्ना श्री ललिता जी० म०सा० आदि साध्वी रत्नाओं की उपस्थिति में चतुर्विध संघ के समक्ष नवरत्न श्री सुदर्शन जी मेहता, उनकी धर्म सहायिका महिलारत्न श्रीमती शुचिताजी मेहता और उनके सुपुत्र बालकरत्न श्री अनेकान्तजी