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११४ : श्रमण, वर्ष ६२, अंक ४ / अक्टूबर-दिसम्बर २०११
पुरातत्त्व विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित ‘आर० शामशास्त्री : भारतीय इतिहास के नये आयाम' विषय पर ८-१० नवम्बर, २०११ को राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस सङ्गोष्ठी में संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० अशोक कुमार सिंह ने 'आचार्य हेमचन्द्र विरचित लघुअर्हन्नीति पर कौटिल्य का प्रभाव' तथा संस्थान के पुस्तकालयाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंह ने 'कौटिल्य के अर्थशास्त्र की जैन टीका : नीति निर्णीत' विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
२. डॉ० अशोक कुमार सिंह
दिनाङ्क १८ - २० नवम्बर २०११, को राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान, वाराणसी द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी में संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० अशोक कुमार सिंह ने 'जैन परम्परा में अस्पृश्यता : एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य' विषय पर शोधपूर्ण पत्र प्रस्तुत किया।
३. डॉ० राहुल कुमार सिंह
चाणक्य इन्स्टिट्यूट ऑफ पब्लिक लीडरशिप तथा मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई के संयुक्त तत्त्वावधान में ९-१० दिसम्बर, २०११ को आयोजित द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में संस्थान के रिसर्च एसोसिएट डॉ० राहुल कुमार सिंह ने व्याख्यान एवं प्रशिक्षण दिया।
४. डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ० राहुल कुमार सिंह
दिनाङ्क १९-२० नवम्बर, २०११ को नई दिल्ली के श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के प्राङ्गण में आई०एस० जे०एस० तथा दर्शन सङ्काय, लाल बहादुर संस्कृत विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में 'Jain Logic and Pariksāmukha Sūtrarin' विषय पर द्विदिवसीय कार्यशाला का अयोजन हुआ। संस्थान के रिसर्च एसोसिएट डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव तथा डॉ० राहुल कुमार सिंह ने अपनी सहभागिता प्रस्तुत की। इसके अतिरिक्त इस कार्यशाला में प्रो० पारसमल अग्रवाल, डॉ० नारायण लाल कछारा एवं लाल बहादुर संस्कृत विद्यापीठ के अन्य अध्यापकों ने अपनी सहभागिता प्रस्तुत की। डॉ० शुगन चन्द जैन, अध्यक्ष, पार्श्वनाथ विद्यापीठ एवं अध्यक्ष, आई०एस० जे० एस० ने जैनधर्म का परिचय एवं इसकी समसामयिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला तथा उन्हीं के सौजन्य से यह कार्यशाला सम्पन्न हुई।
२. दर्शन एवं धर्म विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा विश्व दर्शन दिवस पर ‘भारतीय संस्कृति में मूल्य और वर्तमान समाज में उसकी प्रासङ्गिकता'