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पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार : ११५ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी का आयोजन ३० नवम्बर २०११ को हुआ। विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० ए० के० चटर्जी, प्रो० कमलाकर मिश्र तथा प्रो० ए० एन० त्रिपाठी इस सङ्गोष्ठी में मुख्य वक्ता थे। संस्थान के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार सिंह, रिसर्च एसोसिएट डॉ० नवीन कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ० राहुल कुमार सिंह इस सङ्गोष्ठी में भाग लिये। विशिष्ट व्यक्तियों का आगमन १. डॉ० सुमति कर्णावत : अखिल भारतीय श्रावक समिति के अध्यक्ष तथा श्रमणसंघीय पू० आचार्य डॉ. शिवमुनि जी के प्रति पूर्ण समर्पित श्वेताम्बर स्थानकवासी समाज के अग्रणी डॉ० सुमति कर्णावत एवं संस्थान के पूर्व अध्यक्ष श्री नृपराज जैन का अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह में विद्यापीठ में आगमन हुआ। डॉ० कर्णावत ने विद्यापीठ की गतिविधियों का अवलोकन किया तथा निदेशक के साथ विचार-विमर्श करके पार्श्वनाथ विद्यापीठ के विकास में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। २. प्रो० एस०आर० भट्ट : दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के दर्शन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० एस०आर० भट्ट अपने एकदिवसीय दौरे पर दिनाङ्क २९ नवम्बर, २०११ को पार्श्वनाथ विद्यापीठ पधारे। संस्थान के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने उनका स्वागत कर संस्थान की गतिविधियों से उन्हें अवगत कराया। प्रो० भट्ट ने पार्श्वनाथ विद्यापीठ की अकादमिक गतिविधियों में हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। ३. श्री डी० आर० मेहता : प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर के संस्थापक एवं अध्यक्ष पद्मभूषण डॉ० डी०आर० मेहता का ७ दिसम्बर, २०११ को विद्यापीठ में आगमन हुआ। यहाँ उन्होंने संस्था के अकादमिक सदस्यों के साथ एक बैठक की। डॉ० मेहता ने प्राकृत भारती अकादमी और पार्श्वनाथ विद्यापीठ द्वारा संयुक्त रूप से पुस्तकों के प्रकाशन के प्रस्ताव को स्वीकार किया तथा दोनों संस्थाओं के परस्पर सहयोग पर बल दिया। संस्थान के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने उनका स्वागत कर संस्थान की गतिविधियों से उन्हें परिचित कराया। पार्श्वनाथ जयन्ती एवं मालवीय जयन्ती समारोह सम्पन्न दिनाङ्क १८ दिसम्बर , २०११ को महामना मालवीय मिशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्त्वावधान में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की १५१वीं जयन्ती तथा भगवान् पार्श्वनाथ जन्म जयन्ती महोत्सव विद्यापीठ के सभागार में मनायी गई। इस अवसर पर प्रो० रामहर्ष सिंह, पूर्व कुलपति राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जयपुर ने अध्यक्षता की और उन्होंने भगवान् पार्श्वनाथ और महामना जी के व्यक्तित्व को अनुकरणीय बताया। संस्थान के