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पार्श्वनाथ विद्यापीठ समाचार | निदेशक, प्रो० सुदर्शन लाल जैन १. दिनाङ्क १८-२० नवम्बर, २०११ को राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान, वाराणसी द्वारा 'Untouchables Through the Ages' विषय पर भारत कला भवन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सभागार में त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में संस्थान के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने एक सत्र की अध्यक्षता के साथ शोध-पत्र का वाचन भी किया तथा समापन सत्र की अध्यक्षता
की।
२. वज्र एवं वरुण जनजागरण समिति, वाराणसी एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्त्वावधान में १ दिसम्बर से ३ दिसम्बर, २०११ को विद्यापीठ के प्राङ्गण में आयोजित त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने विद्यापीठ का परिचय देते हुए इसका उद्घाटन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय था- 'सामाजिक पिछड़े वर्गों के उत्थान हेतु उन्हें जागरूक करना'। . ३. पार्श्वनाथ विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने प्राकृत जैन और अहिंसा शोध संस्थान, बासोकुण्ड, मुजफ्फरपुर में दिनाङ्क १२ दिसम्बर, २०११ को आयोजित डॉ० हीरालाल जैन स्मृति व्याख्यानमाला के अन्तर्गत प्रमुख वक्ता के रूप में 'भारतीय वाङ्मय की भाषा और साहित्य के विकास में प्राकृत भाषा का योगदान' विषय पर व्याख्यान दिया। इस व्याख्यानमाला का उद्घाटन बी०आर० अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० विमल कुमार ने किया तथा अध्यक्षता प्रो० रवीन्द्र कुमार वर्मा 'रवि' हिन्दी विभाग ने किया। डॉ० कमलेश कुमार जैन, जयपुर आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये। संस्थान के निदेशक डॉ० ऋषभचन्द जैन ने विषयप्रवर्तन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। ४. दिनाङ्क २८ दिसम्बर, २०११ को मैत्री भवन में आयोजित स्व० आचार्य श्री शरद कुमार साधक जी की स्मृति में 'जल, जंगल, जमीन, जीविका और हमारा सामुदायिक जीवन' विषयक राष्ट्रीय सङ्गोष्ठी सम्पन्न हुई जिसमें संस्थान के निदेशक प्रो० सुदर्शन लाल जैन ने विषय-प्रवर्तन किया। विद्यापीठ-सदस्यों द्वारा विभिन्न सङ्गोष्ठियों में पत्र-वाचन, सहभामिता एवं व्याख्यान १. डॉ० अशोक कुमार सिंह एवं श्री ओम प्रकाश सिंह भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् एवं प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं