Book Title: Siddhant Rahasya Part 01
Author(s): Devchandra Upadhyay
Publisher: Gangji Virji Shah
View full book text
________________
%
सिद्धांतरहस्य ॥१६९॥
%
सिद्धांत मानविचार
%
७००, मलयगिरिलोक ७७८७,
॥१६९॥
%
बी १८६०, अन.
%
१२५०, टीका० ४६०० ॥ ११ विपाकसूत्र, अध्य० २०, मू० १२१६, टीका ९०० ॥ मूलसूत्र सुधर्मास्वामीकृत छे. प्रथमना बे अंगमूत्रनी टीका शीलांकाचार्यकृत छे अने नव अंगनी टीका अभयदेवसूरिकृत छे, नियुक्ति भद्रवाहुस्वामी कृत छे अनेचूर्णी पूर्वाचार्यकृत छे. १२ उपांगसूत्रः-१ उववाइ सूत्र, मू० १२००, टीका ३१२५, अभयदेवसरिकृत छे. २ रायप्रसेणीमूत्र, मू० २०७८, टीका ३७००, मलयगिरिकृत छे. ३ जीवाभिगमसूत्र, मू०४७००, टीका १४०००, मलयगिरिकृत छे. ४ पन्नवणासूत्र, मूलश्यामाचार्यकृत छे. श्लोक ७७८७, अने टीका (लघुवृत्ति) हरिभद्राररिकृत छे, बृहद्वृत्ति १६०००, मलयगिरिकृत छे. ५ जंबूद्वीपपन्नती सूत्र, मू० ४१४६, चूर्णी १८६०, अने टीका १२०००, मलयगिरिकृत छे पण हाल उपलब्ध थती नथी; परंतु हाल शांतिचन्द्रउपाध्याय कृत छे तथा | | उपा० धर्मसागरकृत अने हीरसूरिकृत पण छे. ६ चंद्रपन्नतीसूत्र, मू. २२००, टीका० ९४११, मलयगिरि|कृत छे. बीजी लघुवृत्तिना १००० श्लोक छे. ७ सूर्यपन्नतीसूत्र मू० २३००, लघुवृत्ति १००० अने बृहद्वृत्तिना ९००० श्लाक मलयगिरिकृत छे. ८-१२ निरयावलिकासूत्रना अध्ययन ५ छे १ कप्पिया, २ कप्पवडंसिया, ३ पुफिया, ४ पुष्फचुलिया अने ६ विन्हिदशा. ए पांचना पेटा अध्ययन ५२ छे मू० श्लो. ११०९ छे अने टीका श्री चंद्रसूरिकृत श्लो. ७०० छे. ६ छेदसूत्र कहे छे:-१ व्यवहारसूत्र, मूलअध्य० १० भद्रबाहु स्वामीकृत
व्यवहारसूत्रती नियुक्तिनी संख्या मली शकती नथी भाष्यकारे तेनी अंदर स्वीकारेल छे, भाष्यमा अंतर्गत थयेल छे तेथी जूदी संख्या जणाती नथी.
%%
%令%*%**

Page Navigation
1 ... 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248