Book Title: Shrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09 Author(s): Hiren K Doshi Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . श्रुतसागर __ जनवरी-फरवरी - २०१५ थता नथी. केटलाक तीर्थना स्थळोमां साधुओ के जे जुदा जुदा संघाडाना होय छे, तेओमांना केटलाक एक बीजानी श्रेष्ठता देखाडवा अने पोताना संघाडानी जाहोजलाली बताववा अन्य साधुओनी अधमता गणाय तेवी रीते निंदादि करवामां प्रवृत्ति करे छे, साध्वीओमां पण तेवी निंदा थती जोवामां आवे छे. __ तीर्थना स्थळोमां क्लेश अने निंदाना दोषो वधी जवानुं मुख्य कारण तो ए छ के त्यां घणा संघाडाना साधुओ तथा साध्वीओ भेगां थाय छे अने त्यां पण जुदा जुदा स्थानो श्रावकोने रागी करी जमावे छे. पोतानुं जमाववा बीजानी कंई पण खोदणी कर्या करे छे. श्रावको पण साधुओना जुदा जुदा रागी थई निंदा अने क्लेशमा खेचाय छे, अने मनमां जाणे छे के पाप लागशे ते एक यात्रा करीने धोई नाखीशं. आ प्रमाणे दुर्बुद्धिना लीधे क्लेश अने निंदानो अंत आवतो नथी. केटलीक धर्मशाळाना महेताओ पण जे साधुओ अने साध्वीओथी पोताने खानगीमां कोइपण रीते आवक थाय तेने उतारो आपे छ एम समजाय छे. बिचारा केटलाक एवा महेताओ पण क्लेश अने निंदामां पोतानुं जीवन अपवित्र करे छे. उपर उपरथी तीर्थनी यात्रा थाय छे पण क्लेश अने निंदा तो उलटां पुष्टताने पामे छे, त्यारे प्रभुना तीर्थनी यात्रानी साफल्यता शी रीते थई शके? - केटलाक साधुओ तो 'तीर्थना स्थळमां अमारी पासे तो पाप आवी शके नहि. एम जाणीने ते स्थळे निंदा अने क्लेशनो नाश करवा कांई पण प्रवृत्ति करता नथी, तेथी घणा श्रावक अने श्राविकाओनो भाव उठी जाय छे. मार्गमा जतां केटलाको तो साधुओ तथा साध्वीओने पगे पण लागता नथी. केटलाक साधुओ अने साध्वीओ तो गाळागाळी सुधी आवी जाय छे. ___ कहो बन्धुओ! आवा साधुओ तीर्थनी पवित्र यात्रानो लाभ लई शके के? जे साधुओ अने साध्वीओ आवा स्थळे क्लेश अने निंदादि दोषथी दूर रहे छे तेओने धन्यवाद घटे छे. 'मन चंगा तो कथरोटमां गंगा' आ कहेवतनो लाभ लेई तीर्थना स्थळोमां तो निंदा अने क्लेशथी तद्दन दूर रहे, अने तीर्थनी यात्रा करी प्रतिज्ञा करवी के आजथी हुं हवे कदापि कोइनी साथे बनता प्रयासे क्लेश करीश नहि. । निंदा करनार पोते मलीन बने छे अने जेओनी निंदा करे छे तेओने पोताना शत्रुओ बनावे छे. तेथी पोते जाणी जोइने क्लेशनां बी वावे छे. तीर्थंकरोए निंदा अने क्लेशनो सर्वथा त्याग कर्यो तेथी तेओनी स्पर्शेली भूमि पण तीर्थरूपे गणाय छे, तो आपणे पण तीर्थंकरोना पगले चाली क्लेश अने निंदानो त्याग करवो. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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