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तेषामादेशवशाद् वृत्तिमिमां समदृभद् वरां सुगमाम् । वाचकगणिगुणविनयो, यथामति स्वपरहितहेतोः ||४||
January-February-2015
विशोध्येयं बुधैर्बुध्या, विचार्य गतमत्सरैः । महतामपि यतो मोहः, किमन्येषां तपस्विनाम् ||५||
।। श्रीशान्तिनाथप्रासादात् श्रीशान्ति-तुष्टि-पुष्टयो भवन्तु । पण्डितश्रीक्षेमरङ्ग-गणिशिष्य-पण्डितप्रेममन्दिर-मुनिभ्यो दत्ता
स्वहस्ताभ्यां लिखित्वा वाचनाय शान्ति-स्तववृत्तिरियं वाचनाचार्य श्रीगुणविनयैः ||छ ।
|| पाटणमध्ये ।। ग्रन्थाग्रन्थ- श्लो. २३५।। । श्री पीपाडिनगरे ।
महावीरालय का २८वाँ वर्षगांठ समारोह हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया
परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब की प्रेरणा से निर्मित एवं सकल जैन श्री संघ के सहयोग से संचालित जैन समाज का गौरव कोबातीर्थ पर निर्मित महावीरालय का २८वाँ वर्षगांठ समारोह पूज्य राष्ट्रसन्त के शिष्यद्वय परम पूज्य जापमग्न आचार्यदेव श्री अमृतसागरसूरीश्वरजी महाराज एवं परम पूज्य ज्योतिर्विद् आचार्यदेव श्री अरुणोदयसागरसूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणा की पावन निश्रा में मनाया गया.
दिनांक १ एवं २ फरवरी, २०१५ को विशिष्ट अनुष्ठान का आयोजन किया गया. प्रथम दिन महावीरालय में मूलनायक भगवान का १८ अभिषेक पूजन किया गया तथा द्वितीय दिन सत्तरभेदी पूजा की गई. इसके पश्चात् महावीरालय, गुरुमंदिर एवं रत्नमंदिर पर ध्वजारोहण किया गया.
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इस पावन अवसर पर पूज्य साधु-साध्वीजी भगवन्त, तीर्थ के ट्रस्टीगण, कारोबारीगण एवं बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने उपस्थित होकर पुण्यलाभ लिया. महावीरालय को अच्छी तरह से सजाया गया था. उपस्थित सभी लोगों के लिए साधर्मिक भक्ति की सुंदर व्यवस्था की गई थी.