Book Title: Shrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 59
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 57 जनवरी-फरवरी - २०१५ व्यंजन वर्ण लेखन प्रक्रिया खष च, 5 मऊज,म अ | 2 || न व ५, न २ल,लव | रा क द. ३ संयुक्ताक्षर लेखन प्रक्रिया इस लिपि में संयुक्ताक्षर लेखन हेतु ब्राह्मी, शारदा, ग्रंथ आदि प्राचीन लिपियों की तरह ही ऊपर से नीचे की ओर लिखने का विधान मिलता है। अर्थात् जिस अक्षर को आधा लिखना हो उसे ऊपर लिखकर दूसरे अक्षर को उसके नीचे या किंचित् समानान्तर लिख दिया जाता था। कालान्तर में इस प्रक्रिया में किंचित् परिवर्तन हुआ और संयुक्ताक्षर हेतु पहले अक्षर को आधा तथा दूसरे अक्षर को पूरा समानान्तर लिखकर एक ही शिरोरेखा के नीचे लिखा जाने लगा। कुछ संयुक्ताक्षरों के लिए स्वतन्त्र वर्ण भी प्रयुक्त होने लगे। अतः इस प्रक्रिया के तहत इन संयुक्ताक्षरों को निम्नवत् लिखने का विधान है | - ज क् + - ५ ६ | । त् + र त्र २: ज + + | For Private and Personal Use Only

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