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श्रुतसागर
जनवरी-फरवरी - २०१५ अस्तु! हमने यहाँ प्राचीन नागरी लिपि का किंचित् परिचय प्रस्तुत कर पाठकों की जिज्ञासा में अभिवृद्धि करने का प्रयास किया है। आशा है विद्वान गवेषक इस प्राचीन भारतीय धरोहर को युग-युगान्तरों तक जीवित रखते हुए आगे आनेवाली पीढियों तक सुरक्षित पहुँचाने का प्रयास करेंगे। धन्यवाद!!!
संदर्भ ग्रन्थ १. भारतीय प्राचीन लिपिमाला, संपा. गौरीशंकर हीराचंद ओझा। २. अशोक कालीन धार्मिक अभिलेख, संपा. गौरीशंकर हीराचंद ओझा एवं श्यामसुन्दरदास। ३. प्राचीन भारतीय लिपिशास्त्र एवं मुद्राशास्त्र, लेखक-एम.पी.त्यागी एवं आर.के.रस्तौगी। ४. अशोक अने एना अभिलेख, लेखक-गंगाशंकर शास्त्री। ५. अशोकना शिलालेखो, लेखक-भरतराम भानुसुखराम महेता। ६. भारतीय पुरालिपि विद्या, लेखक-दिनेशचंद्र सरकार। ७. लिपि विकास, लेखक-राममूर्ति मेहरोत्रा एम.ए.। ८. नागरी लिपि और हिंदी वर्तनी, लेखक-डॉ. अनंत चौधरी। ९. हिंदी भाषा एवं नागरी लिपि का विकास, लेखक-डॉ. कन्हैयालाल शर्मा। १०. मध्यकालीन नागरी लिपिनो परिचय, लेखक-श्री लक्ष्मणभाई भोजक। ११. ब्राह्मीलिपि का उद्भव और विकास, संपा. डॉ. ठाकुरप्रसाद वर्मा । १२. अशोक की धर्मलिपियाँ (भाग-१), काशी नागरीप्रचारिणी सभा। १३. अशोकना शिलालेखो ऊपर दृष्टिपात, लेखक-श्री विजयेन्द्रसूरिजी म.सा.। १४. भारतीय पुरालिपि शास्त्र, लेखक-जार्ज ब्यूलर। १५. वातायन (भारतीय लिपिशास्त्र एवं इतिहास के कुछ नवीन संदर्भ), लेखक
डॉ. विन्ध्येश्वरी प्रसाद मिश्र 'विनय'। १६. संस्कृत पाण्डुलिपिओ अने समीक्षित पाठसंपादन-विज्ञान, प्रो. वसंतकुमार एम. भट्ट,
नियामक भाषा साहित्य भवन, गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद । १७. प्राचीन भारतीय लिपि एवं अभिलेख, लेखक-डॉ. गोपाल यादव। १८. ब्राह्मी सिक्के कैसे पढ़ें, लेखक-श्री प्रदीप दत्तुजी वनकर। १९. भारतीय जैन श्रमण संस्कृति अने लेखन कला, लेखक-मुनिश्री पुण्यविजयजी म.सा.। २०. पाण्डुलिपि विज्ञान, लेखक-डॉ. सत्येन्द्रजी, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी जयपुर
से प्रकाशित। २१. शारदा लिपि मञ्जूषा, लेखक-डॉ. अनिर्वाण दश, इलाहाबाद (उ.प्र.) से प्रकाशित।
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