Book Title: Shrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 44
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 42 SHRUTSAGAR January-February - 2015 आ यादीमा गुणाढ्यनी बृहत्कथानी पण नोंध छे. तेनं श्लोकप्रमाण २४००० जेटलुं लख्युं छे, अने तेने दिव्य प्रबंधोवाळी बतावी छे. आपणे जाणीए छीए तेम तो ए अद्भुत कथा घणा समयथी लुप्त थएली छे. परंतु आ यादीनी नोंध उपरथी तो एम जणाय छे के ए वखते ते कथा उपलब्ध होवी जोईए. अलंकारना ग्रंथोमांना काव्यप्रकाशने कर्ताना नाम उपरथी मम्मटालंकार एवँ बीजुं नाम आपेलुं जणाय छे. मम्मटने राणानुं विशेषण आपेलुं छे ते काश्मीर तरफ जे राजानक शब्द प्रचलित छे तेनुं गुजरातीओए करेलुं अपभ्रष्ट रूप होय तेम लागे छे. ए ग्रंथ उपर पहेली टिप्पणी जयानंदे करेली ते आ यादीमां नोंधेली छे, ए टिप्पणी अद्यापि क्याए जाणमां आवी नथी. बीजुं टिप्पण माणिक्यसूरिनुं छे जे हवे छपाइ गयुं छे. (आनंदाश्रम संस्कृत सिरीझ) त्रीजुं टिप्पण सोमेश्वरकृत छे. आ सोमेश्वरने घणा खरा विद्वानो उपर एक ठेकाणे जणावेलो गुर्जरेश्वर पुरोहित सोमेश्वरदेव माने छे पण श्रीसुशील कुमार दे पोताना संस्कृत काव्य शास्त्रना इतिहासमां (Studies in the History of Sanskrit Poetics) जणाव्युं छे तेम, ए सोमेश्वर, गुर्जरेश्वर पुरोहित करतां भिन्न छे. तेना माटे एक वधारानुं प्रमाण आ यादी पण आपे छे. आमां ए सोमेश्वरने गौड कहेलो छे. महा महोपाध्याय झळकीकर एनुं निवासस्थान कनौज जणावे छे ते आ उल्लेखथी पुष्ट थाय छे. काव्यप्रकाशनुं १२००० श्लोक प्रमाण एक विस्तृत विवरण आ यादीमां नोध्यु छ जेनो कर्ता एरंडउलि (एरंडोल) नो वासी कोइ एलदेव छे. ए विवरण अने ग्रंथकार बने हजी अज्ञात छे. __मम्मटनो रचेलो एक सूक्तकोष पण यादीकारे नोंध्यो छे. तेनो पण पत्तो लाग्यो नथी. आ सिवायना बीजा पण केटलाक नाना मोटा ग्रंथो आ नानकडी यादीमां एवा छे के जे हजी जोवा-जाणवामां नथी आव्या. विद्वान शोधको आ तरफ लक्ष आपे अने आवी यादीओ द्वारा प्राचीन साहित्य उपर, पोतानी जाणमां आवती हकीकतनो प्रकाश पाडे एवी इच्छाथी आटली नोंध लीधी छे अने वाचको समक्ष आ यादी मुकी छे. व्याकरण-कोषग्रन्थाः १. कालापकसूत्र ५००, आदि ३००, लिंग. १०० २. हलायुधनाममाला १३०० For Private and Personal Use Only

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