Book Title: Shrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
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SHRUTSAGAR
५. दमयन्तीकथा - चम्पू- टीका वैराग्यशतक - टीका
७.
९. कर्मचन्द्रवंशोत्कीर्तनकाव्य-टीका
११.
• इन्द्रियपराजयशतक- टीका
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१३. ऋषिमण्डलप्रकरण-अवचूरि (टीका) *
१५. भावविवेचनम् *
22
-
गाथा क्रमांक
१. गाथा नं. ४
२. गाथा नं. ८
३. गाथा नं. ११
४. गाथा नं. ९
५. गाथा नं. १३
१०.
लघुशांतिस्तव-टीका
१२. लघुअजित - शान्तिस्तव - टीका १४. शीलोपदेशमाला - लघुवृत्ति *
(* निशानीवाळा ग्रंथो प्रायः अप्रकाशित छे.)
* उपरोक्त ग्रंथो सिवाय राजस्थानी पद्य निबद्ध-कयवन्नासंधि, कर्मचंद्रवंशावली रास, अंजनासुंदरीप्रबंध, बारहव्रत रास, जेवी १४-१५ कृतिओ, राजस्थानी गद्यबद्ध बृहत्संग्रहणी - जयतिहुअण - कल्पसूत्र - भक्तामर - नमोत्थुणं सूत्रना बालावबोधो, अंचलमतस्वरूपवर्णन वगेरे खंडनात्मक-मंडनात्मक ग्रंथो तेमज शताधिक स्तवनादि स्फुट साहित्य एमणे रच्युं छे.
उपाध्याय मतिकीर्ति उपा. सुमतिसिंधुर - उपा. कनककुमार गणि नयनप्रमोदगणि, प्रमुख तेमने घणो विशाळ शिष्य-प्रशिष्यादि परिवार हतो.
उपा. श्रीना विशेष परिचय माटे महो. विनयसागरजी संपादित 'नलचम्पू और टीकाकार महो. गुणविनय : एक अध्ययन' पुस्तक खास जोवुं. उपा. गुणविनय कृत शांतिस्तव - टीका
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January-February-2015
६. रघुवंश - विशेषार्थबोधिका टीका *
८. सम्बोधसप्तति-टीका
अन्य टीकाओ हाथवगी न होवाथी अन्य टीकाओ साथे प्रस्तुत टीकानुं समीक्षात्मक/ तुलनात्मक अध्ययन शक्य नथी. परंतु कृतिकारनी अन्य ग्रंथरचनाओनी जेम आ टीका पण प्रौढ अने विद्वद्भोग्य छे ए वात नक्की ज छे.
शांतिस्तव टीका : विशेष ज्ञातव्य
प्रसिद्धपाठ
न जिताय
सुतुष्टि
१. प्रसिद्ध शांतिस्तव (लघुशांतिस्तोत्र ) करता प्रस्तुत टीकामां स्तवना मूळ पाठांतरो नीचे मुजब छे. -
जनतानाम्
निवृत्ति
सुशिवं
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टीकागत मूळपाठ
निचिताय
तुष्टि
जन्तूनाम्
निवृति
सशिवं

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