Book Title: Shrutsagar 2015 01 02 Volume 01 08 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR ५. दमयन्तीकथा - चम्पू- टीका वैराग्यशतक - टीका ७. ९. कर्मचन्द्रवंशोत्कीर्तनकाव्य-टीका ११. • इन्द्रियपराजयशतक- टीका www.kobatirth.org १३. ऋषिमण्डलप्रकरण-अवचूरि (टीका) * १५. भावविवेचनम् * 22 - गाथा क्रमांक १. गाथा नं. ४ २. गाथा नं. ८ ३. गाथा नं. ११ ४. गाथा नं. ९ ५. गाथा नं. १३ १०. लघुशांतिस्तव-टीका १२. लघुअजित - शान्तिस्तव - टीका १४. शीलोपदेशमाला - लघुवृत्ति * (* निशानीवाळा ग्रंथो प्रायः अप्रकाशित छे.) * उपरोक्त ग्रंथो सिवाय राजस्थानी पद्य निबद्ध-कयवन्नासंधि, कर्मचंद्रवंशावली रास, अंजनासुंदरीप्रबंध, बारहव्रत रास, जेवी १४-१५ कृतिओ, राजस्थानी गद्यबद्ध बृहत्संग्रहणी - जयतिहुअण - कल्पसूत्र - भक्तामर - नमोत्थुणं सूत्रना बालावबोधो, अंचलमतस्वरूपवर्णन वगेरे खंडनात्मक-मंडनात्मक ग्रंथो तेमज शताधिक स्तवनादि स्फुट साहित्य एमणे रच्युं छे. उपाध्याय मतिकीर्ति उपा. सुमतिसिंधुर - उपा. कनककुमार गणि नयनप्रमोदगणि, प्रमुख तेमने घणो विशाळ शिष्य-प्रशिष्यादि परिवार हतो. उपा. श्रीना विशेष परिचय माटे महो. विनयसागरजी संपादित 'नलचम्पू और टीकाकार महो. गुणविनय : एक अध्ययन' पुस्तक खास जोवुं. उपा. गुणविनय कृत शांतिस्तव - टीका Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir January-February-2015 ६. रघुवंश - विशेषार्थबोधिका टीका * ८. सम्बोधसप्तति-टीका अन्य टीकाओ हाथवगी न होवाथी अन्य टीकाओ साथे प्रस्तुत टीकानुं समीक्षात्मक/ तुलनात्मक अध्ययन शक्य नथी. परंतु कृतिकारनी अन्य ग्रंथरचनाओनी जेम आ टीका पण प्रौढ अने विद्वद्भोग्य छे ए वात नक्की ज छे. शांतिस्तव टीका : विशेष ज्ञातव्य प्रसिद्धपाठ न जिताय सुतुष्टि १. प्रसिद्ध शांतिस्तव (लघुशांतिस्तोत्र ) करता प्रस्तुत टीकामां स्तवना मूळ पाठांतरो नीचे मुजब छे. - जनतानाम् निवृत्ति सुशिवं - For Private and Personal Use Only टीकागत मूळपाठ निचिताय तुष्टि जन्तूनाम् निवृति सशिवं

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82