Book Title: Shramanvidya Part 2
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 182
________________ कसायपाहुडसुतं 208 55 210 21 221 26 208 38 12 183 6 14 91 110 [ण] णमपुढविवालुगोदय णाधिगच्छदि तिणि भवे णयविहि पयदं पयदे णव अठ्ठ सत्त छक्कं णाणम्हि य तेवीसा गिद्दा य णीचगोदं णिरयगइ अमरणिरुवक्कमा च वढी णियमा अणुभागेसु च णियमा अणुभागेसु य णियमा चदुसु गदीसु णियमा मणुसगईए णियमा मणुसगदीए णियमा लदासमाणो णियमा लदासमाणो णिवाघादेणेदा णेहाणुराग आसा [त] तत्तो परमुदयो खलु तह णिरयतिरियणामा तदियादो पुण बिदिया तदिया सत्तसु किट्टीसु तिण्णि य चउरो तह तिण्णेदा गाहाओ तेण पर सेसाओ तेयप्पा अणु भागा तेरसय णवय सत्तय तेवीस सुक्कलेस्से तेवीस संकमो पुण तं केण होइ अहियं [द] दसगं चउक्क पणगे दससु च वस्सस्संती 71 दिठे सुण्णासुण्णे 113 दिवसस्संतो बंधदि 24 दुट्ठो व कम्मि दम्वे 53 दुविहो खलु पडिवादो 47 दुविहो पडिग्गह विही 134 देसावरणीयाई 42 दो दुसु एगाए वा 151 दो पंचेव य एक्का 167 दोसु गदीसु अभज्जाणि 200 दोसु वि एक्का गाहा 30 सण चरित्तमोहे 32 दंसणमोह उवसामगस्स 110 सणमोहक्खवणा 76 सणमोहस्सुवसामणाए 77 सणमोहस्सुवसामगो [प] 89 पज्जत्तापज्जत्तेण पज्जत्तापज्जत्ते 103 पच्छिम आवलियाए 128 पणयं पुण काऊए 175 पडिवादुवातय 197 पडिवादो च कदिविधो 12 __ पढमसमयोवजुत्तेहि 3 पढमसमयक्ट्रिीणं 197 पढमा च अणंतगुणा 227 पढमा जं गुणसेढी पढमं बिदियं तदियं 44 पविसदि छिदिक्खएण दु 31 पविसदि ट्ठिदिक्खएण दु 62 पयडि पयडिटठाणेसु पयडीए मोहणिज्जा 36 पयलायुगस्स य तहा 19 186 187 228 44 16 120 69 33 176 175 177 215 224 180 26 22 133 संकाय पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262