Book Title: Shramanvidya Part 2
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi
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अवि
अहि
अहियो
अहिए
अहियं
अहिया
आणुपुत्री
आणुपुवीय
अणुवी
आदि
आवलियं
आवलिया
आवलिगा
आवलियाणं
आवलियासु
आसा
आसाणे
आहारयो
आहो (अथवा )
[ इ ]
इच्छा
इत्थी
इत्थी सु
इत्थी वेदं
इह
ईहा
[ उ ] उकडुदि
उक्कस्सय उक्कस्सं
कसा पाहुडत्तं
69, 110, 126, 196, 214 उक्कस्सो
143 224
उक्कासो
143
140
62, 74
77, 150
233
136
19, 45, 46, 54, 55
178
15, 59, 92, 159, 225
152, 231
202
195
230
89
99, 101
48
166
उक्कस्समणुक्क सं उक्कस्सा
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89
45
51
138
198
15
158, 222
222
185
79
22
19,75
वीस
उत्तम-जहणो
उत्तरपदं
उत्तरपदाणि
उत्तर से ढी
उत्तरसेढीय
उदओ
उदए
उदण
उदयं (उदकं )
उदयो
उदयादि
उदयादिसु
उदयादिपदेसरगं
उदयादी
उदयादो
उदिण्णं
उदीरदा
उदीरेदि
उदीरेंतो
उभे
उभए
उवट्ठ
वक्कविही
उवजुत्ता
उवजुतो
उवजुतेहिं
उवजोगा
उवजोगो
उवजोगे उवजोगवग्गणाओ
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૬૦
228
87
50
25
173, 178
203
177
201
144, 219
154
93, 143
71
142, 223
179
180
225
225
145
81
227
61, 62, 220
61
11
215
107
24
66
63
69
64
63
4, 46, 64, 91, 190
65
संकाय पत्रिका - २
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