Book Title: Shramanvidya Part 2
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 252
________________ द्रव्यसंग्रह शब्द कोश 24 2 [अ] अमुत्ति-अमूर्त 2,7, अचवखू-अचक्षु 4 अरिहो–अरिहन्त अच्छंता-अगतिशील, (नहीं चलते हुए) 17 अलोगुत्तो-अलोक कहा है अज्जीवो अजीव 15 अल्लोगागासं-अलोकाकाश अस्थि काया-अस्तिकाय 23, 24 अवगासदाणजोग्गं-स्थान देने में अत्थि -है समर्थ अथ-इसके बाद 30 अविभागीपुग्गलाणुवट्टद्ध-अविभागी अव-अथ (और) इसके बाद पुद्गल परमाणु स्थित रहे अधम्मो-अधर्म 15, 18 अविसेसि दूण-अविशेष करके अट्ठ-आठ असंखदव्वाणि-असंख्य द्रव्य अट्ठगुणा-आठ गुणों वाले असंखदेसो-असंख्य प्रदेश अट्ठवियप्पं-आठ प्रकार का असंखा-असंख्य अट्ठ-अर्थों को __असमुहदो-समुद्घात के विना अणंत-अनन्त असुद्धणया-अशुद्धनय से अण्ण-अन्य असुहादो-अशुभ से अण्णदवियम्हि-अन्य द्रव्य में 40 [आ] अण्णो-अन्य, दूसरा 34 आइरिओ-आचार्य अण्णोपवेसणं-एक-दूसरे में प्रवेश 32 आउ-आयु अणाण-णाणाणि-अज्ञान और ज्ञान आदस्स-आत्मा का अणुगुरुदेहपमाणो-छोटे-बड़े शरीर के आदा-आत्मा बराबर आणपाणो-श्वासोच्छ्वास अणू-अणु आयासं-आकाश 15, 19, 27 अणेयभेओ-अनेक भेदवाला आयासे-आकाश में अपं-स्वयं आसवदि-आता है 29 अप्पपरसरुवस्स-- अपने और पर के आसवबंधणसंवरणिज्जरमोक्खास्वरूप का 42 आस्रव-बन्ध-संवर-निर्जरा और मोक्ष 28 अप्पणो--(आत्मा का), अपना 37 [ ] अप्पम्मि-आत्मा में (स्वयं में) 56 इंदिय-इन्द्रिय अप्पा-आत्मा 39, 50, 51, 53, 56 इच्छइ--चाहता है अप्पाणं-आस्मा को (अपने को) 40 इदरा-इतर (अपर्याप्त) 12 अमणा-मन रहित 12 इदरो-दूसरा, अन्य 32 26 संकाय पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262