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श्रमणविद्या
संठाणभेदतमछाया-संस्थान
साहू-साधु, मुनी भेद-तम-छाया ___16
सिद्धा-सिद्ध संति-हैं
7, 20, 24
सिद्धो-सिद्ध संसयविमोहविब्भमविवज्जियं-संशय,
सिरसा-शिर से विमोह और विभ्रम रहित, 42
सुद-पुण्णा-श्रुतपूर्ण संसारत्थो-संसारी
सुद्ध-शुद्ध संसारी-संसार में रहने वाले
सुद्धणया-शुद्धनय से 6, 8, 13
6, स-वह 29, 31, 37, 54
सुद्धभावाणं-शुद्धभावों का सडदि-झरते हैं
सुद्धा-शुद्ध सदा-हमेशा
सुद्धो-सुद्ध सदि-होने पर
सुहअसुहभावजुत्ता-शुभ और अशुभ सदेहपरिमाणो-स्वदेह परिमाण
भावों से युक्त सद्दो-शब्द
सुहदेहत्थो-शुभ शरीर में स्थित सपुण्णपावा---पुण्य-पाप सहित
सुहदुक्ख-सुख और दुःख को सम्म-सम्यक् सम्मचारित्तं-सम्यक् चरित्र
सुहाउ-शुभ आयु
सुहुमो-सूक्ष्म सम्मत्तं-सम्यक्त्व
सुहे-शुभ में सम्मइंसणणाणं-सम्यक्दर्शन-ज्ञान
सेसा-शेष समणा-मन सहित
सो-वह 2, 3, 17, 18, 20, 21, 25, समब्भसह-अभ्यास करो
32, 34, 52, 53 समये--आगम में
सोधयंतु-शुद्ध करें समासवदि-पूर्ण रूप से आता है समासेण-संक्षेप में
सोल-सोलह सव्वदा-सर्वदा
[ह] सव्वण्हु-सर्वज्ञ
हवंति-होते हैं सव्वस्स-सब, सभी
हवे-होवे, हो
55,56.57 सव्वाणुट्टाणदाणरिहं-सभी अणुओं __ को स्थान देने में समर्थ
हवेइ-है, होता है 27 हु--निश्चय से
154 12, 13
13, 22, सव्वे-सब
हेऊ-कारण
34 सादं-साता
,33
होंति-होते हैं साधयदि-साधते हैं 54
56 होइ-होता है
___6,43 सामण्णं-सामान्य सायारमणेयभयं-साकार और
होदि-होता है ___26, 29, अनेक भेदों वाला
42 होह-होओ
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संकाय पत्रिका-२
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