Book Title: Shramanvidya Part 2
Author(s): Gokulchandra Jain
Publisher: Sampurnanand Sanskrut Vishvavidyalaya Varanasi

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Page 200
________________ 176 लदा लदासमाणं लदासमाणे लदासमाणो 76 131 71 70 लालसा लिंगण लेस्सा लेस्साए लोभं लोभो लोम्हि लोमस्स लोभादी लोभकसाये लोहे लोहद्धा [व] 90 85 96 कसायपाहुडसुत्तं १८१ 71 वस्सं 170 85 वस्साणि 75 वस्सस्संतो 208, 209 वस्ससदसहस्साई 6, 115, 211 ___ वस्सेसु 129, 205 90 __ वा 40, 41, 60, 63, 81, 82, 92, 191 215, 232 91, 192 वावीस 42, 43 83.191 वावीसा 49 137 वालुगोदय वि 6, 52, 70, 72, 73, 78, 88, 95, 174 102 90 विज्जा 165 विभज्जो 136 विमाणे 139 विदिय 17 विदियाए 126 वियंजणे 60, 63, 128 वियड्डेण 104 109 वियंजणे 13 72 विरदे 32,43 88 विरदीए 66, 172, 226 विरदाविरदे 77, 171 विरहिदं 191 विवागोदय 86, 151 विवादो 154 विहत्ती 160 विहत्तम्मि 151 विसरिसं 155 विसाणं 164 विसिस्सदे ____1 विसेसहिया 170 15 विसेसेण 78, 142, 169 54 वंजणोग्णहम्मि वंसी वंचणा वग्गणा वग्गणग्गेण वट्टमाणेण 000०० So. वड्ढी वड्डीए वड्डोदु वड्ढदि वड्वेदि वड्डेतो 61 वत्थुम्मि वयणं संकाय पत्रिका-२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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