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छक्खंडागमे वेयणाखंड ४, २, ४, ७५. कम्महिदिआदिसमयप्पहुडि पलिदोवमस्स असंखेज्जदिमागमेत्ताणं समयपबद्धाणमेक्को वि परमाणू खीणकसायचरिमसमए णस्थि त्ति णव्वदे । सेससमयपबद्धाणमेक्क-दो-तिण्णिपरमाणू मादि कादण जाव उक्कस्सेण अणंता परमाणू अस्थि ।
____ अप्पवाइज्जतेण उवदेसेण पुण कम्मद्विदीए असंखेज्जदिभागमेत्ताणि कम्महिदिआदिसमयपबद्धस्स पिल्लेवणट्ठाणाणि होति। एवं सव्वसमयपबद्धाणं वत्तव्वं । सेसाणं पलिदोवमस्स भसंखेज्जदिभागमेत्ताणं समयपबद्धाणमेगपरमाणुमादि कादूण जाव उक्कस्सेण अणंता परमाणू भत्थि ।
पमाणं उच्चदे- सव्वदव्वे समकरणे कदे दिवड्ढगुणहाणिमेत्ता समयपबद्धा होति । पुणो एदेसिं दिवड्वगुणहाणिमेत्तसमयपबद्धाणमसंखेज्जदिभागो चेव गट्ठो, सेसबहुभागा खीणकसायचरिमसमए अस्थि । कुदो १ खीणकसायचरिमगुणसेडिचरिमगोवुच्छादो दुचरिमादिगुणसेडिगोवुच्छाणं असंखेज्जदिभागत्तादो ( एसा पमाणपरूवणा पवाइज्जत अप्पवाइज्जतउवदेसाणं दोणं पि समाणा, अप्पवाइज्जंतउवदेसेण वि दिवड्गुणहाणिमेत्तसमयपबद्धाणमुवलंभादो। मोहणीयस्स कसायपाहुडे
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इससे कर्मस्थितिके प्रथम समयसे लेकर पल्योपमके असंख्यातवें भाग मात्र समयप्रबद्धोंका एक भी परमाणु क्षीणकषायके अन्तिम समय में नहीं है, यह जाना जाता है।
शेष समयप्रबद्धोंके एक दो व तीन परमाणुओंसे लेकर उत्कृष्ट रूपसे अनम्त परमाणु तक होते हैं।
प्रवाह रूपसे नहीं आये हुए उपदेशके अनुसार कर्मस्थितिके आदि समयप्रबद्धके निर्लेपनस्थान कर्मस्थितिके असंख्यातवे भाग मात्र होते हैं। इसी प्रकार सब समयप्रबोंका कथन करना चाहिये। शेष रहे पल्योपमके असंख्यातवें भाग मात्र समयप्रबद्धोंके एक परमाणुसे लेकर उत्कृष्ट रूपसे अनन्त परमाणु तक शेष रहते हैं।
अब प्रमाणका कथन करते हैं- सब द्रव्यका समीकरण करनेपर डेढ़ गुणहानि मात्र समयप्रबद्ध होते हैं । इन डेढ़ गुणहानि मात्र समयप्रबद्धोंका असंख्यातवां भाग ही नष्ट हुआ है। शेष बहुभाग क्षीणकषायके अन्तिम समयमें है, क्योंकि, क्षीणकषायकी अन्तिम गुणश्रेणिकी अन्तिम गोपुच्छासे द्विचरम भादि गुणश्रेणिकी गोपुच्छायें असंख्यातवें भाग मात्र होती हैं । यह प्रमाणप्ररूपणा प्रवाहसे आये हुए और प्रवाहसे न आये हुए दोनों ही उपदेशोंके अनुसार समान है, क्योंकि, प्रवाहसे न आये हुए उपदेशके अनुसार भी डेढ़ गुणहानि मात्र समयप्रबद्ध पाये जाते हैं।
शंका-कषायप्राभृतमें मोहनीयके कहे गये निर्लेपनस्थान शानावरणके कैसे कहे जा सकते हैं।
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