Book Title: Shatkhandagama Pustak 10
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

View full book text
Previous | Next

Page 550
________________ पारिभाषिक शब्द-सूची ' (१५) शब्द पृष्ठ शब्द पृष्ठ शब्द पृष्ठ २ य ३२० वेदना २३६ पर्यायार्थिकनय ४५१ भेदपद पवाइजंत उपदेश २९७, ५०१ वचनयोग पंचसामयिक योगस्थान मध्यदीपक ४८, ४९६ वन्दना ૨૮૨ पुनरुक्त दोष २९६ मध्यमधन १९० वर्ग १०३, १५०, ४५० पुरिमूल २५० मनोयोग ४३७ वर्गणा ४४२, ४५०, ४५७ पूर्वस्पर्धक ३२२, ३२५ महाकर्मप्रकृतिप्राभूत २० वर्गमूल १३१ पृच्छासूत्र मंथ ३२१, ३२८ विकलप्रक्षेप २३७,२४३,२५६ प्रकृतिगोपुच्छा २४१ मिथ्यात्व ४३ | विकृतिगोपुच्छा २४१, २५० प्रकृतिविशेष ५१०,५ मिश्रवेदना विकृतिस्वरूपगलित २४९ प्रकृतिस्वरूपगलित मुक्तजीवसमवेत विरलन प्रक्षेप १५० विलोमप्रदेशविन्यास ४४ प्रक्षेपप्रमाण मूलाग्रसमास १२३,१३४,२४६ विशिष्ट प्रक्षेपभागहार ७६,१०१ विष्कम्भसूची ६४ प्रतर यथास्वरूप विनसोपचय ४८ १७७ प्रतिराशि ६७ वेदकसम्यक्त्व ૨૮૮ २३७,४७६ प्रथम सम्यक्त्व २८५ यवमध्य प्रदेशबन्धस्थान ५०५, ५११ यवमध्यजीव व्यञ्जनपर्याय -११, १५ प्रदेशविन्यासावास । व्यभिचार प्रदेशविरचित अल्पबहुत्व यवमध्यप्रमाण व्यवस्थापद युग्म १९, २२ १२०, १३६ योग ४३६,४३७ श योगकृष्टि ३२३ शक्तिस्थिति फालि योगयवमध्य ५७, ५९, २४२ शैलेश्य योगवर्गणा ४४३, ४४९ श्रेणिभागहार । बन्धावली १९७ योगस्थान ७६, ४३६, ४४२ बादरयुग्म २३ योगावलम्बनाकरण २६२ योगावास सकल प्रक्षेप योगाविभागप्रतिच्छेद ४४० सकलप्रक्षेपभागहार २५५ भवावास योजनायोग ४३३, ४३४ सचित्तगुणयोग ४३३ भंग २२५ सचित्तद्रव्यवेदना भागहारप्रमाणानुगम ११३ सद्भावस्थापनावेदना ,, भाववेदना रूपगत राशि समकरण ७७,१३५ भाषगाथा १४३ रूपाधिकभागहार ६६, ७० समभागहार भुजाकार (भूयस्कार) २९१ रूपानभागहार ६६, ७१ समयप्रबद्ध भुज्यमानायु २३७, २४० समयोग ४५१ तबली २०,४४, २४२ २७४ | लोकपूरण १ समीकरण ८८ स भव ५० योजन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 548 549 550 551 552