Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak

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Page 11
________________ लवपुर मांहि निवास जिह। शंकर के प्रताप ॥५॥ अलौकिक बुद्धिमती परोपकारिणी सकल शास्त्रनिष्णाता जैनमत पथ प्रदर्शिका ब्रह्मचारिणी महोपदेशिका श्रीमती श्रीपार्बती द्वारा रचित तथा स्ववंश दिवाकर सद्गुणाकर जैन धर्मप्रवर्तकपरोपकारनिरत संस्कृत विद्यानुरागी देशहितैषी लाला मेहरचन्द्रलक्ष्मणदास द्वारा मुद्रापित सत्यार्थचन्द्रोदय नामक ग्रन्थ का मैं ने आद्योपान्त अवलोकन किया है इसमें ग्रन्थ कर्तीने बड़ी सुगमतासे जैनशास्त्रानुसार अनेक दुर्भेद्य प्रमाणों से मूर्तिपूजन का खण्डन करके जैनमतानुयायियों के लिए जैनधर्मका प्रकाश किया है, जैनधर्मानुरागियों से प्रार्थना है कि

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