Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 02 Author(s): Kamtaprasad Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 8
________________ शुद्धाशुद्धिपत्र । अशुद्ध पृष्ठ पंक्ति शुद्ध विजयनगर पांड्य पल्लन ૧૧ बहन विजयननर पाव्य पक्ष पतन समूहक्क सेनापति श्वेतपत्र सघाधुओ १७ समूहका सेनापति श्वेतपट साधुओं जैन क्षत्रियों अमित हो राजमल पड़ा, जो छत्रियों अतिम होगमल उद्योग पराप्त उद्योत पगस्त एक बौद्ध मठम अकादशज्य दुघहन पका बुटुट १४ तुतुव नामक १५९ में पराजय Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat मकरद राज्य दुलहन पल्लव बुटुग तुलुव नामक रात्रा २० १५४ www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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