Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 02
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 7
________________ संकेताक्षर-सूची। इस प्रन्य निर्माणमें निम्नलिखित प्रन्योसे सधन्यवाद सहायता प्रहण की गई हैअहिई-भी हिस्ट्री ऑव इंडिया, स्मिथकृत (चतुर्थावृत्ति )। आइई०-आरीजिरक इन्हैबीटेन्ट्स ऑफ इंडिया, ऑपटंकृत । ओ०-ओझा अभिनन्दन प्रन्थ (हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग )। इआ-एनुभल बिछोप्रेफी ऑव इंडियन ऑलॉजी (लीडन )। इका-इपीप्रेफिया कर्नाटेका ( बंगलोर )। कलि०-हिस्ट्री ऑव कनैरीज़ लिट्रेचर (Heritage of India Series) गङ्गा-एम. वी. कृष्णकृत दी गंगज ऑष तलकाड (मद्रास ). गैब०-भाण्डारकर, गैजेरियर ऑव बोम्बे प्रेजीडेंसी (लंदन ). जमीसा-जर्नल ऑव दी मीधिक सोसाइटी (बेंगलोर )। जैसाई. एस. आ. शर्मा, जैनीजम इन साउथ इंडिया जैशिसं०-जैन शिलालेख संग्रह (माणिकचन्द्र दि० बन ग्रंथमाला )। जैहि-जैन हितैषी (बम्बई )। दिदिमु०-दिगम्बरस्व और दिगम्बर मुनि ( अम्बाला )। ममैप्रास्मा०-माघ मैक्षर प्राचीन जैन स्मारक ( मरत) मैकु०-इस कृत मैसूर एण्ड कुग फ्रॉम इंसक्रिपशन्स । रधा०-रस्नकरण श्रावकाचार (मा० प्र०)। लामाइलाला लाजपयगय कृत 'भारतका इतिहास' (लाहौर)। सुसाइज०) सदीज इन साउथ इंडियन जैनीज्म । हरि०-हरिवंशपुराण (कलकत्ता)। नोट--विशेषके लिये मा० ३ खण्ड । देखो। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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