Book Title: Samvayang Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 14
________________ [13] क. पृष्ठ ४१९ ४२० ४२१-४२३ ४२१ ४२२ ४२२ ४२२ ४२३-४३१ ४२३ ४२३ ४२३ विषय चौबीस तीर्थंकरों के प्रथम शिष्यों के नाम चौबीस तीर्थंकरों के प्रथम शिष्याओं के नाम १२७. चक्रवर्ती पद चक्रवर्तियों के पिताओं के नाम चक्रवर्तियों के माताओं के नाम बारह चक्रवर्तियों के नाम चक्रवर्तियों के स्त्रीरत्नों के नाम १२८. बलदेव-वासुदेव पद बलदेव वासुदेव पिताओं के नाम नौ वासुदेवों की माताओं के नाम नौ बलदेवों की माताओं के नाम बलदेवों और वासुदेवों के पूर्व भवों के नाम बलदेव और वासुदेवों के पूर्वभव के धर्माचार्यों के नाम निदान भूमियों के नाम निदानों के कारण १२९. प्रतिवासुदेवों के नाम । १३०. वर्तमान ऐरवत तीर्थंकरों के नाम . १३१. भरत क्षेत्र के आगामी कुलकरों के नाम १३२. ऐरवत क्षेत्र के आगामी दस कुलकरों के नाम १३३. भावी तीर्थकर पद उत्सर्पिणी काल के २४ तीर्थंकर पूर्व भवों के नाम माता-पिता आदि के नाम १३४. भावी चक्रवर्ती पद १३५.. भावी बलदेव वासुदेव पद माता-पिता आदि के नाम पूर्वभवों के नाम, निदान भूमि, कारण आदि १३६. ऐरवत भावी तीर्थंकर पद १३७. ऐरवत क्षेत्र में भावी चक्रवर्ती, बलदेव वासुदेव पद ४२९ ४३० ४३० ४३१ ४३१ ४३२ ४३३ ४३३ ४३४-४३६ ४३४ ४३५ ४३५ ४३६ ४३६-४३८ ४३६ ४३७ ४३८ ४३९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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