Book Title: Samvayang Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ [12] पृष्ठ ३७८ ३८१-३९१ ३८१ ३८२ .३८३ .३९० ३९१ '३९२ ३९३ ३९३ ३९४ ३९५ . ३९६ क्र. . विषय . ११२. नैरयिक आदि की स्थिति का वर्णन ११३. शरीर का वर्णन (१) औदारिक शरीर (२) वैक्रिय शरीर (३) आहारक शरीर (४) तैजस और कार्मण शरीर ११४. अवधिज्ञान का वर्णन ११५. वेदना का वर्णन ११६. लेश्या का वर्णन ११७. आहार आदि विषयक वर्णन ११८. आयुष्य बन्ध ११९. उपपात और उद्वर्तन का वर्णन १२०. आकर्ष का वर्णन १२१. संहनन पद १२२. संस्थान पद १२३. वेद पद १२४. समवसरण पद १२५. कुलकर पद (१) अतीत उत्सर्पिणी के कुलकर . . (२) अतीत अवसर्पिणी के कुलकर (३) इस अवसर्पिणी के कुलकर (४) कुलकरों की भाएं १२६. तीर्थंकर पद तीर्थंकर के माता-पिता आदि संबंधी वर्णन चौबीस तीर्थंकरों के पूर्व भवों के नाम चौबीस तीर्थंकरों की शिविकाओं के नाम चौबीस तीर्थंकरों के प्रथम भिक्षादाताओं के नाम चौबीस तीर्थंकरों के चैत्य वृक्षों के नाम ३९७ ३९९ ४०१ ४०३ ४०५-४०८ ४०५ ४०५ ४०५ ४०६ ४०८-४२० ४०८ ४११ ४११ ४१५ ४१८ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 458