________________
"अकुसलमण-निरोहो, कुशलमणउदीरणं चेव।" मन पूरी तरह से मौन हो सकता है ? हो सकता है ! पर, अभी नहीं ! अभी अकुशल अर्थात् अशुभ विचारों का निरोध करो और कुशल अर्थात् शुभ विचारों में मन को नियोजित करो। मन स्वयं एक दिन मौन हो जाएगा।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org