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पूज्य गुरुदेव एवं पूज्य गुरुदेव का व्यक्तित्व तथा कृतित्व अनुपम है, अव्याख्येय है, असीम है !
उन्ह गिनती के किन्हीं एक-दो-चार रूपों में देखा नहीं जा सकता।
शब्दों की छोटी-सी परिधि में उन्ह समेटा नहीं जा सकता।
अतः उनके उस महान् बहु-आयामी स्वरूप के, अनुरूप तथा सबको सभी भाँति संतोष हो सके, ऐसा यह संपादन नहीं हो सका।
इसके लिए क्षमा याचना के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
अस्तु, सर्वतोभावेन श्रद्धावनत् क्षमाप्रार्थी हूँ........
संपादक
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