Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 11
________________ meteostestation श्रावक + तीन लाख पाँच हजार , श्राविकाएं-पांच लाख चौवन हजार। चौदह पूर्वधर + चार हजार सात सौ पचास। अवधिज्ञानी + नौ हजार। केवल ज्ञानी + बीस हजार। वैक्रिय लब्धिधारी + बीस हजार छ: सौ पचास। मनःपर्यवज्ञानी . बारह हजार सात सौ पचास। .. (12750) वादी मुनि बारह हजार छ: सौ पचास (12,650) अनुत्तर विमान में गए + बाइस हजार पाँच सौ। 45.पूर्ण आयु * 84 लाख पूर्व। 46.प्रथम गणधर * ऋषभसेन उपनाम पुण्डरिकस्वामी। 12 47.प्रथम आर्या + ब्राह्मी आर्या जी। ॐ48.प्रमुख श्रावक * श्रेयांस कु. श्रावक। 49.प्रमुख श्राविका * सुभद्रा श्राविका। 850 .निर्वाण के समय ध्यान + शुक्ल ध्यान का चतुर्थ चरण। Rs 51. परिषद् + 12 प्रकार की, चार देव, चार देवियाँ, मनुष्य, स्त्रियाँ, तिर्यंच व तिर्यंचनी। GGeGLSSAGeeGAGAGAR

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