Book Title: Rushabh Charitra Varshitap Vidhi Mahatmya
Author(s): Priyadarshanashreeji
Publisher: Mahavir Prakashan

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Page 45
________________ beste soestetie se ____ पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है / पिता रक्त में दिए हुए संस्कारों की मूर्ति है पिता एक जीवन को जीवन दान है पिता दुनियाँ दिखाने का अरिसा है पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है पिता नहीं तो बचपन अनाथ है तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो पिता का अपमान नहीं, अभिमान करो क्योंकि माँ-बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता ईश्वर भी इनके आशीषों को काट नहीं सकता PAPPAM| LYRIGARGaileGosekesGeegessette दुनियाँ में किसी भी देवता का स्थान दूजा है माँ-बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा सब व्यर्थ है यदि बेटे के होते हुए माँ-बाप असमर्थ है वो खुशनसीब होते हैं, माँ-बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि माँ-बाप की आशीषों के हजारों हाथ होते हैं।

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